तहसीलदार को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश, रेत माफिया ने कहा- बीच में आए तो मार डालूंगा An attempt was made to crush the Tehsildar with a tractor, the sand mafia said - if he comes in between, I will kill him - khabarupdateindia

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तहसीलदार को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश, रेत माफिया ने कहा- बीच में आए तो मार डालूंगा An attempt was made to crush the Tehsildar with a tractor, the sand mafia said - if he comes in between, I will kill him


रफीक खान
मध्य प्रदेश में रेत माफिया के हौसले पस्त होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बहुत कम अंतराल से इस तरह की खबरें सामने आती ही रहती हैं। कहने को तो बारिश के मौसम में रेत निकासी पर पूरे मध्य प्रदेश में रोक लगी हुई है लेकिन अभी भी अवैध तरीके से काम धड़ल्ले से जारी है। ताजा मामला राजगढ़ जिले से सामने आया है। यहां एक नायब तहसीलदार पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं जानलेवा घटना को अंजाम देने में नाकाम होने के बाद रेत माफिया ने नायब तहसीलदार को मोबाइल पर कॉल करते हुए धमकाया कि अब सामने आए तो गाड़ी चढ़ा कर कुचल डालूंगा, मार डालूंगा। इस मामले की शिकायत नायब तहसीलदार सुरेश सिंह द्वारा पुलिस को की गई है। पुलिस अब इस मामले की जांच पड़ताल में लग गई है।

जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि यह मामला राजगढ़ जिले के सारंगपुर-संडावता मार्ग का है। नायब तहसीलदार सुरेश सिंह ने पुलिस को सूचना देते बताया कि सारंगपुर से संडावता की ओर जा रहे रेत से भरे ट्रेक्टर चालक से पूछताछ की तो उसने कुचलने की कोशिश की और भाग गया। चालक ने ट्रेेक्टर की स्पीड तेज करते हुए नायब तहसीलदार के वाहन को टक्कर मार दी। टक्कर से नायब तहसीलदार सुरेश सिंह को तेज झटका लगा और उनकी गाड़ी के कांच भी टूट गए। इसके बाद भी ट्रेक्टर चालक का पीछा किया लेकिन चालक कूदकर मौके से फरार हो गया। बाद में भगवान सिंह पाल नामक रेत के अवैध कारोबारी ने नायब तहसीलदार सुरेश सिंह को फोन पर जान से मारने की धमकी दी। उसने कहा कि साहब, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। हमारी ऊपर तक पहुंच है, अब मेरे सामने आए तो ट्रेक्टर चढ़वाकर जान से मार डालूंगा। नायब तहसीलदार सुरेश सिंह ने फोन पर जान से मारने की धमकी देने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भगवानसिंह पाल, दीपक भिलाला और नीरज भिलाला के खिलाफ धारा 303(2), 317(5), 281, 324(4), 132, 351 (4), 21 खनन अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व में पुलिस के थानेदार से लेकर पटवारी तक और आईपीएस अधिकारी जैसे रेत माफियाओं के हमले की शिकार हो चुके हैं। इस सब के बावजूद प्रदेश सरकार इस दिशा में सार्थक योजना नहीं बना पाई है।