रफीक खान
शासन की योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करवाने और तमाम तरह की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने प्रभारी मंत्रियों का कॉन्सेप्ट शुरू किया था। अब प्रभारी मंत्रियों की ही तर्ज पर मध्य प्रदेश के 55 जिलों को 13 आईएएस अधिकारियों के जिम्मे किया जा रहा है। इन आईएएस अधिकारियों को पहले चरण में छात्रावासों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। यह आईएएस अधिकारी महीने में कम से कम तीन बार छात्रावासों का औचक निरीक्षण करेंगे। स्वाभाविक सी बात है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रभारी बनाए गए आईएएस अधिकारी अगर ईमानदारी से निरीक्षण कर प्रतिवेदन बनाएंगे तो निश्चित तौर पर यहां का नक्शा एक माह में ही बदला नजर आ सकता है।
जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि इस दौरान मिलने वाली खामियां की रिपोर्ट संबंधित विभाग के वरिष्ठ अफसरों और संभागायुक्त को सौपेंगे। प्रदेश में पहली बार सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रावासों का निरीक्षण सचिव स्तर के अधिकारियों से कराने जा रही है। इसके आधार पर ही व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे। छात्रावासों में सुविधाओं की कमी और अव्यवस्थाओं की बात बार-बार सामने आती है। इसको लेकर विधानसभा में भी भी प्रश्न उठते रहे हैं। छात्रावास व्यवस्था में सुधार की अनुशंसा करने के लिए सरकार ने पहले सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों की समिति गठित की थी।
इन IAS को दिए गए है यह जिले
डॉ. नवनीत मोहन कोठारी- बड़वानी, धार, झाबुआ, आलीराजपुर
डॉ. संजय गोयल- उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम
एम. सेलवेन्द्रन- शाजापुर, देवास, आगर मालवा
पी नरहरि- इंदौर, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर
रघुराज एम आर- भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ
शिल्पा गुप्ता- हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम
लोकेश कुमार जाटव- जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, डिंडौरी
जान किंग्सली एआर- बालाघाट, सिवनी, मंडला, छिंदवाडा, पांढूर्णा
श्रीमन शुक्ला- अनूपपुर, उमरिया, शहडोल
सिबि चक्रवती एम- सागर , दमोह, टीकमगढ, निवाडी, छतरपुर, पन्ना
अनिल सुचारी- रीवा, मऊगंज, सतना, मैहर, सीधी, सिंगरौली
ओमप्रकाश श्रीवास्तव- ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया
ललित दाहिमा- भिंड, मुरैना, श्योपुर