जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों में भेदभाव से परेशान होकर एवम ओ 3 स्टार, पदोन्नति , और अन्य विसंगतियों के कारण अपने भविष्य को अंधकार में देखते हुए अन्य विधुत कंपनियों में आवेदन किए, लगभग 37 अभियंताओं को NTPC ने दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रित किए जिसकी, अनुभवी इंजीनियर्स मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों को छोड़ कर जाने से सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश की पावर जनरेटिंग कम्पनी को होगा। पिछले 6 महीनो में लगभग 70-80 अभियंता कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरे जगह ज्वाइन किया है। सारणी में 660 मेगावाट इकाई मार्ग प्रशस्त हुआ था लेकिन लगता है की इंजीनियरों के नौकरी से जाने पर इस यूनिट पर संकट के बादल छाने वाले है। कंपनी प्रबंधनों को कई बार चेताया की ओ 3 स्टार कॉलम को पे मैट्रिक्स से विलोपित करने एवं नियमित पदोन्नति जैसी मांगो को यदि समय रहते निराकरण नहीं किया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते है, परंतु कंपनी प्रबंधन आज भी गहरी नींद में है। विद्युत अभियंता संघ के विकास कुमार शुक्ला द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार अभियंताओं से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया की वे सभी अपनी वर्तमान कंपनियों के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते है परंतु प्रबंधन द्वारा विगत 8 वर्षो से ध्यान नहीं देने से उन्हे अपना भविष्य अंधकार मय लग रहा है इसलिए वह विवश होकर कंपनी छोड़ रहे है, यदि प्रबंधन अभियंताओं की मांगो को पूर्ण करते है तो वे कंपनी छोड़ कर जाने का विचार त्याग देंगे। युवा अनुभवी अभियंताओं ने एन टी पी सी, आर ई सी, एसजेवि एन एल, टी एच डी सी, एन एल सी इत्यादि कंपनियों को ज्वॉइन किया है, उम्मीद है की प्रदेश हित में विधुत कंपनी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अभियंताओं को रोकने में सफल हो पाएगा, मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता है अन्यथा युवा अनुभवी अभियंताओं के पलायन से विद्युत कंपनियों का संचालन और संधारण करना असंभव होगा, ज्ञात हो अधीक्षण अभियंता के वेतन मान में विद्युत कम्पनियों द्वारा O3 स्टार मैट्रिक्स बनाकर युवा अभियंताओं को दिया जा रहा है, जो की किसी भी राज्य ऐसी व्यवस्था नहीं है, इलेक्ट्रिसिटी रिबेट भी युवा अभियंताओं की बंद कर दी गई है, 20 वर्षो से अलाउंस पुनरीक्षित नही किया गया , एक संस्था में दो- दो नियम और वेतनमान चलाए जा रहे है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों में भेदभाव से परेशान होकर एवम ओ 3 स्टार, पदोन्नति , और अन्य विसंगतियों के कारण अपने भविष्य को अंधकार में देखते हुए अन्य विधुत कंपनियों में आवेदन किए, लगभग 37 अभियंताओं को NTPC ने दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रित किए जिसकी, अनुभवी इंजीनियर्स मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों को छोड़ कर जाने से सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश की पावर जनरेटिंग कम्पनी को होगा। पिछले 6 महीनो में लगभग 70-80 अभियंता कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरे जगह ज्वाइन किया है। सारणी में 660 मेगावाट इकाई मार्ग प्रशस्त हुआ था लेकिन लगता है की इंजीनियरों के नौकरी से जाने पर इस यूनिट पर संकट के बादल छाने वाले है। कंपनी प्रबंधनों को कई बार चेताया की ओ 3 स्टार कॉलम को पे मैट्रिक्स से विलोपित करने एवं नियमित पदोन्नति जैसी मांगो को यदि समय रहते निराकरण नहीं किया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते है, परंतु कंपनी प्रबंधन आज भी गहरी नींद में है। विद्युत अभियंता संघ के विकास कुमार शुक्ला द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार अभियंताओं से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया की वे सभी अपनी वर्तमान कंपनियों के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते है परंतु प्रबंधन द्वारा विगत 8 वर्षो से ध्यान नहीं देने से उन्हे अपना भविष्य अंधकार मय लग रहा है इसलिए वह विवश होकर कंपनी छोड़ रहे है, यदि प्रबंधन अभियंताओं की मांगो को पूर्ण करते है तो वे कंपनी छोड़ कर जाने का विचार त्याग देंगे। युवा अनुभवी अभियंताओं ने एन टी पी सी, आर ई सी, एसजेवि एन एल, टी एच डी सी, एन एल सी इत्यादि कंपनियों को ज्वॉइन किया है, उम्मीद है की प्रदेश हित में विधुत कंपनी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अभियंताओं को रोकने में सफल हो पाएगा, मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता है अन्यथा युवा अनुभवी अभियंताओं के पलायन से विद्युत कंपनियों का संचालन और संधारण करना असंभव होगा, ज्ञात हो अधीक्षण अभियंता के वेतन मान में विद्युत कम्पनियों द्वारा O3 स्टार मैट्रिक्स बनाकर युवा अभियंताओं को दिया जा रहा है, जो की किसी भी राज्य ऐसी व्यवस्था नहीं है, इलेक्ट्रिसिटी रिबेट भी युवा अभियंताओं की बंद कर दी गई है, 20 वर्षो से अलाउंस पुनरीक्षित नही किया गया , एक संस्था में दो- दो नियम और वेतनमान चलाए जा रहे है।