रफीक खान
देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी विवादित ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के फर्जीबाड़ों का अंत होता ही नजर नहीं आ रहा। एक-एक करके प्याज की परतों की तरह गड़बड़ियां सामने आती जा रही है। अब नया झोल नाम और डेट ऑफ बर्थ का सामने आया है। पूजा ने कॉमन एडमिशन टेस्ट CAT में नाम और जन्मतिथि भी सही नहीं लिखी है। वह भी अलग-अलग वर्षों में अलग-अलग तरह से अंकित की गई है। सीएटी के रिकॉर्ड से इसका पूरी तरह से खुलासा हो गया है। उधर पूजा के माता और पिता भी विवादों के घेरे में गोते लगाने से पीछे नहीं है। उन पर पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है। इसी सिलसिले में बीती रात पूजा के घर पर पुलिस ने छापा मार करवाई भी की थी।
पूरे देश की मीडिया रिपोर्ट्स में जो जानकारियां सामने आ रही है उसके मुताबिक कहा जाता है कि पूजा खेडकर ने 2020 में कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) के एग्जाम में जो डेट ऑफ बर्थ लिखी, वह 2023 के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन फॉर्म में लिखी गई उम्र से अलग थी। पूजा ने तीन साल के अंतराल में दोनों एग्जाम दिए, मगर आवेदन में उम्र का अंतर एक साल ही रहा। उन्होंने 2020 के कैट एग्जाम में अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव बताया था जबकि यूपीएससी एग्जाम में नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर है। कहा जाता है कि वर्ष 2007 में पुणे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान उन्होंने मेडिकल सर्टिफिकेट दिया था, उसमें शारीरिक या मानसिक विकलांगता का उल्लेख नहीं किया था। विवादों और शिकायतों के चलते विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच के दौरान पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने इसकी पुष्टि की है। पूजा खेडकर ने पुणे में नौकरी जॉइन करने से पहले ऑफिस केबिन और गाड़ी के साथ रेजिडेंशियल मकान देने की मांग कर दी थी। इसके अलावा उन्होंने लेटरहेड बनाने को लेकर भी विवाद किया था। आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर द्वारा की गई इस तरह की बचकानी हरकतों को लेकर जिम्मेदार तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि दो बातें पूरी तरह से स्पष्ट है कि अगर उन्होंने यह सब जानबूझकर किया है तो उन्हें यह तो पता ही था कि यह काम खतरों से खेलने वाला या खतरों को सरेआम मोल लेने वाला कर रही है। दूसरा अगर यह उनसे अनजाने में हुआ है, तब तो फिर उनकी योग्यता को संदेह के दायरे से हटाया ही नहीं जा सकता।