"जमानत आज, रिहाई 6 महीने बाद", हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट हैरान, Bail today, release after 6 months", Supreme Court surprised by High Court's order - khabarupdateindia

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"जमानत आज, रिहाई 6 महीने बाद", हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट हैरान, Bail today, release after 6 months", Supreme Court surprised by High Court's order


रफीक खान
पटना हाई कोर्ट द्वारा पारित किए गए एक आदेश को देखकर सुप्रीम कोर्ट उसे समय हैरान हो गया, जब उसने पाया कि याचिकाकर्ता को जमानत तो तत्काल दे दी गई लेकिन रिहाई 6 माह बाद दी जाएगी। Supreame Court Justice अभय एस ओका और 
Supreame Court Justice ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि हत्या के आरोपी को 6 महीने बाद जमानत पर रिहा किया जाए। Supreame Court of India ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बेहद अजीब है। कुछ अदालतें 6 महीने या 1 साल के लिए जमानत दे रही हैं और यह अब नया चलन है। यह ऐसा है कि मैं आपको जमानत दे रहा हूं लेकिन मैं आपको 6 महीने बाद रिहा कर दूंगा। यह क्या है? Justice अभय एस ओका और Justice ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अदालत ने आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी और मामले में बिहार सरकार से 2 सितंबर तक जवाब तलब किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश पर हैरानी जताई है। पटना हाईकोर्ट ने हत्यारोपित आरोपी को जमानत दे दी, लेकिन इसमें एक शर्त यह रखी गई कि वह 6 महीने बाद रिहा होगा। बेंच ने कहा कि हम उन शर्तों के आधार पर जमानत देते हैं जिसका उल्लेख विवादित आदेश के पैराग्राफ 9 में किया गया है। जस्टिस अभय ओका ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का यह आदेश बेहद ही अजीबो गरीब है। कुछ कोर्ट 6 महीने या 1 साल के लिए जमानत दे रही हैं। अब यह एक अलग ही तरह का आदेश है। कोर्ट ने कहा कि वह जमानत पाने का अधिकारी है, लेकिन उसे छह महीने बार छोड़ा जाना चाहिए। आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि इस शर्त के लिए कोई कारण नहीं दिया, जिससे जमानत पूरी तरह भ्रामक हो गई है। आरोपी पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 324, 326, 307 और 302 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध है।