रफीक खान
आचार्य विद्यासागर जी Acharya vidhya sagarji maharaj के बाद 4 जुलाई 2024 को आचार्य विराग सागर महाराज Aacharya Virag Sagar Ji के समाधि लेने से जैन समाज को एक बड़ी क्षति हो गई। आचार्य विराग सागर ने महाराष्ट्र में समाधि ली है। उनकी इस खबर से समुचे देश में शोक की लहर है। शोक का सर्वाधिक प्रभाव मध्य प्रदेश और खास तौर से महाकौशल व बुंदेलखंड क्षेत्र में इसलिए है क्योंकि आचार्य विराग सागर महाराज दमोह जिले के मूलत: रहने वाले थे। आचार्य श्री का जन्म दमोह जिले में ही हुआ था। आचार्य विराग सागर जी ने 300 से ज्यादा मुनि और आर्यिकाओं को दीक्षित किया था।
मध्यप्रदेश के दमोह जिला अंतर्गत पथरिया (pathriya) में जन्मे आचार्य विराग सागरजी महाराज ने महाराष्ट्र (maharashtra) के जालना गांव में समाधि ले ली। जैन संत आचार्य विराग सागर की समाधि अंतिम डोला गुरुवार को सुबह 11 बजे अक्षय मंगल कार्यालय, देव मूर्ति, ग्राम सिंदखेड राजा रोड जालना से एक किलोमीटर दूर स्थित पाटनी फार्म परिसर देवमूर्ति ग्राम पहुंचा। जहां पर जैन समाज के परंपरागत विधि विघ्नों के तहत सभी कार्यक्रम किए गए। फरवरी 2024 में आचार्य विद्या सागर जी महाराज (acharya vidhya sagarji maharaj) के बाद जैन समाज के बड़े संत आचार्य विराग सागरजी महाराज की समाधि को बड़ी क्षति बताया गया है।