रफीक खान
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री काल के दौरान कई बार वैध और अवैध कॉलोनी का मुद्दा उठता रहा है लेकिन अक्सर सरकार की लचीलेपन से अवैध कॉलोनीयों की संख्या में लगातार इजाफा होता गया। इतना ही नहीं अवैध कॉलोनी में वृद्धि के साथ वहां के लोगों के सामने समस्याओं के पहाड़ खड़े होते चले गए हैं। जिसे लेकर रहवासी आज भी बुरी तरह परेशान है। पिछले दिनों प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य भर के सभी नगर निगम आयुक्त और महापौरों की बैठक लेकर अवैध कॉलोनी के संबंध में अपना रुख स्पष्ट कर दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब प्रदेश सरकार बिल्डरों के लाइसेंस सीधे तौर पर सस्पेंड करेगी। जिम्मेदार कॉलोनाइजर पर एफआईआर FIR भी दर्ज कराई जाएगी। कॉलोनी की निगरानी के लिए एक विशेष टीम भी गठित की जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो कॉलोनी को लेकर नया कानून भी बनाया जाएगा। खास तौर से कैलाश विजयवर्गीय की अगर यही मंशा रही तो निश्चित तौर पर कॉलोनाइजर्स पर लगाम कसेगी और इससे लोगों को राहत मिलना स्वाभाविक है।
बैठक के दौरान नगर निगम के आयुक्तों और महापुरुषों के माध्यम से आम लोगों के लिए संदेश देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे ऐसी कॉलोनियों में घर या प्लॉट खरीदने से बचें जहां बिल्डर ने कोई सुविधा नहीं दी है। लोगों को कॉलोनी की परमिशन के बारे में जानकारी लेना चाहिए। बगैर सुविधा वाली कॉलोनी में लोग घर क्यों बनाते हैं? ऐसी कॉलोनी में फिर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होते हैं। बिल्डर सरकार के साथ लोगों को भी चूना लगाते हैं। अब ऐसे बिल्डरों के खिलाफ शासन सख्ती से निपटेगा। वहीं लोग भी सतर्क रहें और अवैध कॉलोनियों में घर नहीं बनाएं। ऐसे कई बिल्डर टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग समेत नगर निगम से बगैर परमिशन के कॉलोनी बना लेते हैं। जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत हर जिले में एक-दो नहीं कई अवैध कॉलोनियां बनी हुईं हैं। बिल्डर ने कॉलोनी काटी और प्लॉट बेच दिए, कुछ समय बाद लोगों ने मकान बनाना शुरू कर दिए और धीरे-धीरे बगैर सुविधाओं के ही लोगों ने वहां रहना शुरू कर दिया। इसके बाद यही लोग कॉलोनी में बिजली, पानी, सड़क, स्ट्रीट लाइट, पार्क जैसी सभी सुविधाओं की मांग करने लगते हैं। जबलपुर में तो ऐसी कितनी कालोनियां है, जहां बिजली विभाग ने बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों को कनेक्शन नहीं दिया है।
TC से बिजली जलाने रहवासी मजबूर
इस तरह की अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोग TC यानी कि टेंपरेरी कनेक्शन के जरिए बिजली जला रहे हैं। शासन और प्रशासन के लिए परेशानी होती है जबकि ये सभी सुविधाएं कॉलोनी बनाने के पहले बिल्डर या कॉलोनाइजर को उपलब्ध कराना है। बिल्डर वह अपना मुनाफा कमाकर ऐसी ही किसी दूसरी कॉलोनी बनाने में लग जाता है जब लोगों को परेशानी होती है तो सरकार पर दबाव बनाते हैं। ये भी गौरतलब है कि हाल ही में विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक हरदीप सिंह डंग ने अवैध कॉलोनियों में सुविधाओं को लेकर सवाल उठाया था। जिस पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए कहा था कि अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया जा रहा बल्कि अवैध कॉलोनी में रह रहे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सके इसके लिए प्रयास किया जा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में अवैध कॉलोनियां विकसित न हो लेकिन प्रदेश में एक नेक्सस कम कर रहा है प्रदेश के बड़े शहरों में अवैध कॉलोनी एक बड़ी समस्या है मुख्यमंत्री भी इसको लेकर गंभीर हैं और उन्होंने इस संबंध में कड़े नियम बनाने के लिए कहा है। जल्द ही इसे लेकर नया कानून भी लाया जा सकता है। विधानसभा में उक्त प्रश्न के उत्तर से भी यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो रही है कि अब मोहन यादव की सरकार और विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पुराने ढर्रे को तोड़ने का मन बना चुके हैं।