उज्जैन महाकाल की सवारी के दौरान भगदड़, पंडे-पुजारी भी दबे, पुलिस ने संभाला मोर्चा, Stampede during Mahakal ride in Ujjain, priests and priests also got buried, police took - khabarupdateindia

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उज्जैन महाकाल की सवारी के दौरान भगदड़, पंडे-पुजारी भी दबे, पुलिस ने संभाला मोर्चा, Stampede during Mahakal ride in Ujjain, priests and priests also got buried, police took


रफीक खान
मध्य प्रदेश की धर्मधानी और महाकाल की नगरी उज्जैन में हाथरस जैसा हादसा होते बच गया। यहां महाकाल की सवारी निकाली जा रही थी, तभी भीड़ के कुछ लोगों ने बैरिकेट्स को पार करने की कोशिश की और उसमें लगातार एक दूसरे पर गिरते चले गए। पता ही नहीं चला कि हजारों की तादाद में लोग कब एक दूसरे के ऊपर उलट पलट हो गए। कई पंडित - पुजारी भी दब गए। घटना में चोटें तो अनगिनत लोगों को लगी है लेकिन सुखद संयोग यह है कि कोई जनक्षति नहीं हो पाई। पुलिस ने भी समय पर मोर्चा संभाल लिया और लोगों की भीड़ को नियंत्रित कर लिया गया।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सावन में निकलने वाली महाकाल सवारी में इस बार रिकॉर्ड तोड़ भीड़ आई। लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए थे, जिन्हें पार करने के चक्कर में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ मचते ही पुलिस ने जमीन पर पड़े लोगों को उठाकर बाहर किया और हल्का बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा गया।महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। शाम को महाकाल की सवारी Mahakal ki Sawari 2024 निकली जिसमें बाबा महाकाल मन महेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकले। इससे पहले पुलिस ने महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर दिया। पाया जाता है कि इसके पूर्व भी वर्ष 2021में महाकाल मंदिर में श्रावण के पहले सोमवार एक साथ हजारों श्रद्धालुओं के घुसने से भगदड़ मच गई थी। साल 2016 में महाकाल सवारी में भगदड़ मच गई, शाही सवारी के दौरान भीड़ में जमकर धक्का-मुक्की हुई, कई लोग सहित पुलिस वाले भी नीचे गिर गए थे। वर्ष 1996 में महाकाल सवारी में भगदड़ से कई लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि इस बार गनीमत थी कि बड़ी घटना सिर्फ भगदड़ में ही सिमट कर रह गई।