रफीक खान
बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए अधिकारी भी कई बार किस तरह की गफलत कर जाते हैं कि उन्हें इसका खामियाजा बड़ा महंगा भुगतना पड़ता है। उनकी इस तरह की गलतियां न सिर्फ करियर पर खतरा बन जाती है, बल्कि जीवन को भी बुरी तरह से प्रभावित कर डालते हैं। हाल ही में उड़ीसा राज्य का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें यहां के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी pandit Rajesh Uttam Rao पंडित राजेश उत्तमराव पर आरोप है कि वह जबरन एक महिला इंस्पेक्टर के घर में रात को जा घुसे। महिला के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत जब वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो डीजीपी Director General of police ने स्वयं मामले की जांच की और गोपनील रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जिसके बाद आईपीएस अधिकारी को सस्पेंड कर पुलिस हेड क्वार्टर में अटैच कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि ओडिशा सरकार ने मंगलवार को देर रात IPS अधिकारी पंडित राजेश उत्तमराव को “गंभीर कदाचार” के आधार पर निलंबित कर दिया। आईपीएस राजेश पर आरोप हैं कि वो एक शादीशुदा महिला इंस्पेक्टर के घर जबरन घुस गए औऱ उन्होंने उसके साथ गलत व्यवहार किया। यह कथित घटना 27 जुलाई की रात को हुई। पंडित राजेश उत्तमराव 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में DIG फायर सर्विस और होम गार्ड के पद पर तैनात हैं। द स्टेट होम डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए एक आदेश में कहा गया है कि डीजीपी ओडिशा द्वारा घटना को लेकर एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी गई है। होम डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि IPS पंडित राजेश उत्तमराव के खिलाफ भारतीय पुलिस सेवा के सदस्य के रूप में गंभीर कदाचार के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी है। इसलिए ओडिशा सरकार अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 3 के उप-नियम (1) द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए IPS पंडित राजेश उत्तमराव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करती है। आईपीएस अधिकारी को यह भी चेतावनी दी गई है कि निलंबन अवधि में वह अपना हेड क्वार्टर किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ सकते।