रफीक खान
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का अचानक से मुख्यमंत्री आवास पर जाकर डॉक्टर मोहन यादव से बंद कमरे में 15 मिनट तक मुलाकात करना, सियासी हलकों में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। सियासी लोग इसके अलग-अलग मायने निकालने में पीछे नहीं रहे हैं। दिग्गी राजा और मोहन यादव के बीच यह गुपचुप मुलाकात क्यों हुई? अब इसका राज फोटो सहित खुल गया है। यानी की अब उनकी सीक्रेट मीटिंग से कुछ छुपा हुआ नहीं रहा है। यह खुलासा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेता रवि परमार ने सोशल मीडिया पर फोटो के साथ किया है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि इस फोटो में सीएम मोहन यादव, एक्स सीएम दिग्विजय सिंह, रवि परमार और यूथ कांग्रेस के एमपी मीडिया चेयरपर्सन विवेक त्रिपाठी नजर आ रहे हैं। रवि परमार ने सोशल मीडिया में तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि नर्सिंग घोटाले को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम से मुलाकात की है। बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस नर्सिंग घोटाले को बड़ा मुद्दा बना रही है। नर्सिंग घोटाले की जांच और मंत्री विश्वास सारंग को हटाने के लिए कांग्रेस सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस इस प्रदर्शन में दिग्विजय सिंह भी शामिल हो चुके हैं। वहीं, जीतू पटवारी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हैं। दिग्विजय सिंह ने मुलाकात में कहा कि प्रदेश में नियम विरूद्ध खोले गये सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज में हजारों की संख्या में छात्रों ने चिकित्सा सेवा में भविष्य बनाने के लिये प्रवेश लिया था। आज कई वर्षों से ये छात्र परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम तक के लिये भटक रहे है। उन्हें अपना भविष्य धूमिल नजर आ रहा है। नर्सिंग छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं के लंबे समय के बाद भी हजारों छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए गए। प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट 2022 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई गई थी जिसमें 66 हजार छात्राओं ने परीक्ष दी थी लेकिन परीक्षा परिणाम आज तक जारी नहीं किए गये। 66 अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के हजारों छात्र-छात्राओं को पात्र नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तत्काल शुरु करना चाहिए। लाखों नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के जो 3-4 साल बर्बाद हुए हैं उसके एवज में सरकार को छात्र-छात्राओं को फीस में छूट देनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में कांग्रेस नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि यह बड़ा महत्वपूर्ण समय है जब आम जनता की आवाज की सदन में सुनवाई न होने पर सड़कों पर लेकर आना चाहिए। और कोई कसर छोड़ना नहीं चाहिए। इसी सबके चलते दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को भरोसे में लेने की हिकमत कुछ इस तरह जुटाई।