पुलिस पर घेर कर बरसाए पत्थर, कांच की बोतलें, जूते-चप्पल, SDOP सहित कई घायल, TI को हटाया Police surrounded and pelted stones, glass bottles, shoes and slippers, many injured including SDOP, TI removed - khabarupdateindia

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पुलिस पर घेर कर बरसाए पत्थर, कांच की बोतलें, जूते-चप्पल, SDOP सहित कई घायल, TI को हटाया Police surrounded and pelted stones, glass bottles, shoes and slippers, many injured including SDOP, TI removed



रफीक खान
मध्य प्रदेश के गुना जिले में फतेहगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस पर जमकर पत्थर बाजी, कांच की बोतलें और जूते चप्पल फेंक कर हंगामा करने का मामला सामने आया है। जमीन विवाद पर दो पक्षों के बीच हुई लड़ाई और दर्ज की गई एफआईआर के बाद एक पक्ष के समर्थन में हिंदू संगठन तथा भीड़ आ गई। उसने थाने से लेकर बस स्टैंड तक जमकर हंगामा व प्रदर्शन किया। पुलिस पर मनमानी और उदासीनता का आरोप लगाते हुए हमला बोल दिया। पुलिस ने भी स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लाठी चार्ज किया। घटना में एसडीओपी सहित कई पुलिस कर्मी तथा भीड़ में शामिल लोग घायल हुए हैं। जनाक्रोश को देखते हुए फतेहगढ़ थाना प्रभारी को हटाकर लाइन अटैच कर दिया गया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि एक पक्ष के फरीद खान के घर के पास विष्णुपुरा में जमीन है, जिस पर वे अपना 35 साल से कब्जा बताते हैं। यहां उनके पत्थर व अन्य सामान रखा है। इसी गांव के रहने वाले दीपचंद लोधी का परिवार भी इस जमीन पर अपना कब्जा बताता है। पहले भी दोनों परिवारों में इस बात पर झगड़े हो चुके हैं। अलग-अलग संबंधित विभागों में शिकायतें भी की गईं। दीपचंद ने जमीन पर रखे पत्थरों को हटाना शुरू कर दिया तो इसी बात पर दोनों परिवार आमने-सामने हो गए। फरीद खां, उसके पिता सफीक खां और राजू खां ने दीपचंद और उसकी पत्नी की मारपीट शुरू कर दी। काफी देर तक पिता-पुत्र और उनका साथी पति-पत्नी से सड़क पर मारपीट करते रहे। कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। वहीं घटना के बाद दीपचंद लोधी, उसकी पत्नी रामवती और भतीजा मंटू लोधी की शिकायत भी फरीद ने पुलिस में दर्ज करा दी। दीपचंद लोधी व उसके परिवार के अन्य लोगों ने भी फरीद के परिवार के साथ मारपीट की। मारपीट की दूसरी रिपोर्ट भी पुलिस ने दर्ज कर ली। दोनों पक्षों की ओर से काउंटर मुकदमा दर्ज कर जांच में ले लिया गया। हालांकि यह खबर जब हिंदू संगठनों को लगी तो वे लामबंद हो गए और फरीद के परिवार पर कार्रवाई करने तथा आरोपियों के घर बुलडोजर से गिराने की मांग करने लगे। दबाव में आई पुलिस ने दो दुकानों को अतिक्रमण के दायरे में मानकर तोड़ दिया लेकिन आक्रोश फिर भी शांत नहीं हुआ। आरोपियों के घर गिरने की मांग के साथ फतेहगढ़ थाना प्रभारी कृपाल सिंह परिहार के खिलाफ नारेबाजी की जाने लगी। इसके बाद पुलिस तथा भीड़ के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो गई। भीड़ ने पुलिस को घेर कर जमकर मारपीट और हमले किए। इसके बाद जिला मुख्यालय से पुलिस बल आया और लाठीचार्ज तथा अश्रु गैस के गोले आदि छोड़कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। मामले में कई लोगों को हिरासत में भी ले लिया गया है।