रफीक खान
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम संभाग में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री को रविवार की शाम करीब 6:00 बजे 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस की विशेष स्थापना शाखा टीम ने गिरफ्तार किया है। अधीक्षण यंत्री यह रकम एक ठेकेदार से ले रहा था। ठेकेदार का काम मुलताई क्षेत्र में कई जगह चल रहा था और वह निर्माण कार्यों के एक्सटेंशन पर काम करना चाह रहा था। इसके बदले में 20 लाख रुपए की रिश्वत अधीक्षण यंत्री द्वारा मांगी गई। 10 लाख रुपए की यह रकम रिश्वत की पहली किस्त थी। लोकायुक्त पुलिस की टीम अधीक्षण यंत्री को अपने साथ ले गई है तथा उससे सघन पूछताछ भी की जा रही है। अधीक्षण यंत्री के घर पर भी तलाशी अभियान चल रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि 27 जुलाई 2024 को आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को शिकायत करते हुए बताया था कि उसकी फर्म ने मुलताई एवं भैंसदेही में आठ सड़कों का निर्माण कराया था। जिसमें शेष कार्य के एक्सटेंशन के लिए प्रकरण S.E .नर्मदापुरम डिवीजन पीडब्ल्यूडी आर सी तिरोले के पास लंबित है। आरसी तिरोले इसके निराकरण के लिए 20 लाख रुपए की रिश्वत राशि मांग रहे हैं। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया और 28 जुलाई 2024 को आरसी तिरोले अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग नर्मदा पुरम डिविजन को आवेदक से 10 लख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया गया। इंजीनियर आरसी तिरोले शहर के सिविल लाइंस इलाके में स्थित अपने बंगले में एक ठेकेदार से ये भारी भरकम रिश्वत ले रहे थे। लोकायुक्त पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी अधीक्षण यंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। साथ ही घर की तलाशी पर अगर कुछ ऐसे साक्षय मिलते हैं तो आय से अधिक अनुपातहीन संपत्ति के मामले की भी कार्रवाई की जा सकती है।