रफीक खान
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने नीट NEET परीक्षा मामले की सुनवाई पूर्ण कर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट की परीक्षा अब दोबारा आयोजित नहीं कराई जाएगी। इस तरह से नीट की परीक्षा के दोबारा आयोजन संबंधी मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। NEET की परीक्षा से संबंधित अनियमिताओं और कदाचार के आरोप वाली 40 से अधिक याचिकाओं की डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने करते हुए स्पष्ट कर दिया कि नीट की परीक्षा का पेपर लीक हुआ इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह बात पूरी तरह सच है इस पर कोई विवाद नहीं है लेकिन पूरी परीक्षा को सिर्फ इस बिंदु पर आधारित कर रद्द नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की उक्त पीठ ने NTA को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसे मुद्दे ना उठे यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा यह है कि दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि पेपर लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत कमियां थीं। वर्तमान जैसे मामले में, यह जरूरी है कि इस विवाद को तत्काल निश्चितता और अंतिमता प्रदान की जाए, क्योंकि इससे 23 लाख से अधिक छात्रों का करियर प्रभावित होता है। सीबीआई के खुलासे से पता चलता है कि जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है, लेकिन पटना और हजारीबाग के अभ्यर्थी लीक से लाभान्वित हुए प्रतीत होते हैं। रिकॉर्ड पर उपलब्ध आंकड़े प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते, जिससे परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिलता हो। सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान स्थिति में, रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दर्शा सके कि परीक्षा के परिणाम दूषित थे या परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था। अपने विस्तृत आदेश में सुप्रीम कोर्ट की उक्त पीठ ने लगभग सभी बिंदुओं को आदेशात्मक तरीके से स्पष्ट कर दिया है।