कांवड़ यात्रा: SC की दो टूक- दुकानदारों को अपना नाम बताने और नेम प्लेट लगाने की जरूरत नहीं Kanwar Yatra: SC bluntly - Shopkeepers are not required to tell their names and put up name plates - khabarupdateindia

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कांवड़ यात्रा: SC की दो टूक- दुकानदारों को अपना नाम बताने और नेम प्लेट लगाने की जरूरत नहीं Kanwar Yatra: SC bluntly - Shopkeepers are not required to tell their names and put up name plates


रफीक खान
देश में कावड़ यात्रा के दौरान रास्ते में पढ़ने वाली दुकानों पर असली नाम वाली नेम प्लेट तथा दुकान मालिकों के नाम बताने संबंधी उत्तर प्रदेश सरकार के विवादित आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक टिप्पणी करते हुए आदेश जारी कर दिया। सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हऋषिकेश राय और जस्टिस एवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि दुकान मालिकों को नाम बताने की कोई जरूरत नहीं है तथा उत्तर प्रदेश सरकार तथा उसके अधीनस्थ विभागों द्वारा जारी किए जाने वाले आदेशों पर रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए इस आदेश से उत्तर प्रदेश सरकार व मुजफ्फरपुर पुलिस को बड़ा झटका लगा है।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कावड़ यात्रा के पूर्व जारी हुए इस तरह के आदेश पर पूरे देश में प्रतिक्रियाएं हो रही थी। यहां तक कि एनडीए के घटक दलों ने भी इस तरह के आदेश का खुलकर विरोध करते हुए तत्काल इसे वापस लेने की भी मांग की थी। इसी सब के बीच महुआ मोइत्रा के एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा याचिका दाखिल की गई। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने पूछा कि क्या यह प्रेस स्टेटमेंट था या औपचारिक आदेश था कि इन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए? याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया कि पहले एक प्रेस स्टेटमेंट था और फिर लोगों में आक्रोश था और वे कहते हैं कि यह स्वैच्छिक है लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं। वकील ने कहा कि कोई औपचारिक आदेश नहीं है, बल्कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक छद्म आदेश है। एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा कि अधिकांश लोग बहुत गरीब सब्जी और चाय की दुकान के मालिक हैं और इस तरह के आर्थिक बहिष्कार के अधीन होने पर उनकी आर्थिक मृत्यु हो जाएगी। अनुपालन नहीं करने पर दुकानदारों को बुलडोजर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।" सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि हमें स्थिति को इस तरह से बयान नहीं करना चाहिए कि जमीन पर जो है, उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। इन आदेशों में सुरक्षा और स्वच्छता के आयाम भी हैं। सिंघवी का कहना है कि कांवर यात्राएं दशकों से होती आ रही हैं और मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध समेत सभी धर्मों के लोग उनके रास्ते में उनकी मदद करते हैं। अब आप किसी विशेष धर्म का बहिष्कार कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं। दुकान मालिकों को नाम बताने की जरूरत नहीं है। दुकानदारों को सिर्फ खाने के प्रकार बताने की जरूरत है। मतलब यह कि दुकान पर सिर्फ लिखे होन की जरूरत है कि वहां मांसाहारी खाना मिल रहा है या शाकाहारी खाना। कोर्ट ने इस मामले में अदालत ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।