रफीक खान
मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 6 बार के विधायक तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री शेर ए भोपाल के नाम से मशहूर आरिफ अकील का सोमवार को निधन हो गया। आरिफ अकील हार्ट प्रॉब्लम के चलते अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट के कद्दावर नेता आरिफ अकील ने अपने क्षेत्र को अभेद किला बनाकर रखा हुआ था, जिसे भारतीय जनता पार्टी भेद पाने में नाकाम रही। पिछले चुनाव में उन्होंने अपने पुत्र आतिफ अकील को उत्तराधिकारी बनाते हुए कांग्रेस से विधायक बनवा दिया। आरिफ अकील के निधन की खबर के बाद समूचे भोपाल तथा पूरे प्रदेश में उनको जानने पहचानने वालों में शोक व्याप्त हो गया। आरिफ अकील के जनाजे की नमाज सोमवार को ही अपरान्ह 3:30 बजे भोपाल प्लाजा बाल विहार भोपाल टॉकीज के पास अदा की जाएगी और फिर बड़े बाग कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक आरिफ अकील मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे, जिन्हें कांग्रेस ने दो बार अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया था। उन्हें कांग्रेस सरकार में पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण से लेकर जेल और खाद्य विभाग जैसे अहम मंत्रालय दिए गए थे। आरिफ अकील मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अंतर्गत आने वाली उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे थे, उन्होंने पहली बार 1990 में विधानसभा का चुनाव जीता था। उम्र ज्यादा होने के चलते अब उनकी सेहत खराब रहने लगी थी, जिसके चलते 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनके बेटे को टिकट दिलवाया गया था। आरिफ अकील के बेटे ने इस सीट से बीजेपी को बड़े अंतर से हरा दिया था और यह सीट अपने नाम कर ली थी। आरिफ अकील ने भोपाल में 1984 में यूनियन कार्बाइड गैस लीक हादसे के बाद जनता के बीच अपनी छवि बनाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने फैक्ट्री से कुछ दूरी पर एक कस्बा आरिफ नगर बसाया। इस जगह पर गैस त्रासदी के पीड़ित और उनके परिवारों को बसाया गया था। भोपाल उत्तर सीट पर करीब 54 फीसदी मुस्लिम वोट हैं, लेकिन सिंधी समाज के वोटर भी अच्छे खासे हैं। इसके बावजूद इस सीट से वे लंबे समय तक जीतते रहे थे। आरिफ अकील के निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि हमें बेहद दुख है, मेरे दोस्त और भाई आरिफ अकील का आज निधन हो गया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है जबलपुर में उनके सबसे करीबी पूर्व असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राशिद सोहैल सिद्दिकी ने भी दुख व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।