कांग्रेसी रहे रावत को अपने विभाग दिए जाने से बौखलाए भाजपाई मंत्री नगर सिंह चौहान, दी पत्नी समेत इस्तीफे की धमकी BJP minister Nagar Singh Chauhan upset after Congressman Rawat was given his portfolio, threatened to resign along with his wife - khabarupdateindia

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कांग्रेसी रहे रावत को अपने विभाग दिए जाने से बौखलाए भाजपाई मंत्री नगर सिंह चौहान, दी पत्नी समेत इस्तीफे की धमकी BJP minister Nagar Singh Chauhan upset after Congressman Rawat was given his portfolio, threatened to resign along with his wife


रफीक खान
भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेसियों की लगातार घुसपैठ बढ़ने से वर्षों से भाजपा के साथ गुजारा करते चले आ रहे नेताओं व कार्यकर्ताओं में लगातार असंतोष बढ़ता जा रहा है। भाजपा के तथाकथित अनुशासन के चलते हालंकि अभी भी यह असंतोष अंदर ही अंदर दबे हुए ज्वालामुखी की तरह सुलग रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का काम देख रहे नागर सिंह चौहान से जब उनके विभाग छीन कर कांग्रेस से आए नेता रामनिवास रावत को दे दिए गए तो हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री और पार्टी के फैसले से नागर सिंह चौहान बुरी तरह बौखला गए और उन्होंने अपनी सांसद पत्नी के साथ इस्तीफा तक देने की धमकी दे डाली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा के दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी पर खुलकर यह इल्जाम लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के मूल कार्यकर्ता की अनदेखी हो रही है और आउटसोर्स कांग्रेसियों को जबरदस्त तवज्जो दी जा रही है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश के सीएम डॉ.मोहन यादव को एक झटका लग सकता है। मोहन सरकार के मंत्री नागर सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है। मंत्री चौहान उनसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय लिए जाने से नाराज चल रहे है। मोहन सरकार ने बीते दिन यह मंत्रालय कांग्रेस से आए मंत्री रामनिवास रावत को सौंप दिया था। इतना ही नहीं उनकी पत्नी अनीता नागर सिंह चौहान के इस्तीफा देने की भी बात कही जा रही है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा है कि वे अपने मंत्री पद से इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी भी सांसद पद से इस्तीफा देंगी। अनीता सिंह चौहान रतलाम लोकसभा से सासंद है। मंत्री नागर सिंह चौहान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय जाने से नाराज है। नागर सिंह चौहान ने कहा है कि यह मेरा ही नहीं बल्कि आदिवासियों का अपमान है। पार्टी को मुझसे क्या नाराजगी है, जो इतना बड़ा फैसला संगठन और मुझे बिना बताए ले लिया। नागर​ सिंह चौहान ने कहा है कि मैं अपनी बात पार्टी के सीनियर नेताओं से करूंगा, पार्टी फोरम तक जाउंगा। अगर मेरी बात नहीं सुनी जाती है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। मैं बीते 25 सालों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। मेरे साथ आज तक ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वे इस्तीफा देकर विधायक पद पर रहकर जनता की सेवा करेंगे, लेकिन ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा। नागर सिंह चौहान के इस तरह से बयान सार्वजनिक होने के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है और डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज हो गई है। हालांकि यह पहला मौका नहीं जब कांग्रेस नेताओं को प्राथमिकता दिए जाने को लेकर भाजपा के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी हो। इससे पहले भी अजय विश्नोई और गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ नेता भी इस बात को लेकर अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं। नाराजगी तो वैसे बहुत नेताओं में है लेकिन उसका इजहार करने का साहस कम ही माननीय जुटा पाते हैं।