रफीक खान
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले डिंडोरी में पदस्थ रहे सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके को पुलिस ने आखिरकार कई महीनों की फरारी के बाद अरेस्ट कर लिया। करोड़ों रुपए के घपलेबाज इस अफसर ने आदिवासी, आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से खूब चूना लगाया। लंबी जांच पड़ताल के बाद छात्रवृत्ति का यह करोड़ों रुपए का घोटाला स्पष्ट हो गया तो पुलिस ने आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया था।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि जनजातीय विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके (Amar Singh Uike) को डिंडौरी पुलिस ने भोपाल के एक होटल से गिरफ्तार किया है। दरअसल साल 2019 -20, 21 के दौरान डिंडौरी में सहायक आयुक्त रहते अमर सिंह उइके ने 2 करोड़ 59 लाख से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया था। कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर जिला स्तर की टीम ने मामले की जांच कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। जिसके बाद लोकायुक्त ने मामले में संज्ञान लिया और तब कहीं जाकर सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के खिलाफ 21 फरवरी 2024 को सिटी कोतवाली डिंडौरी में FIR दर्ज़ कराई गई थी। कोतवाली पुलिस ने जैसे ही सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के खिलाफ मामला दर्ज़ किया, उधर सिवनी जिले में पदस्थ जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके दफ्तर छोड़कर फरार हो गये थे।फरार आरोपी की धरपकड़ के लिए सिवनी एवं शहडोल जिले में स्थित उनके गृहग्राम में दबिश दे रही थी लेकिन आरोपी अधिकारी पुलिस को लगातार चकमा दे रहे थे। पुलिस ने आरोपी सहायक आयुक्त अमर सिंह हुई के पर इनाम घोषित करने के साथ ही संपत्ति कुर्क करने की तैयारी भी कर ली थी।