DSP का डिमोशन, बनाया सिपाही, गंदी हरकतों के चलते सरकार ने लिया कड़ा फैसला, होटल में पकड़ा गया महिला सिपाही के साथ, demotion of dsp - khabarupdateindia

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DSP का डिमोशन, बनाया सिपाही, गंदी हरकतों के चलते सरकार ने लिया कड़ा फैसला, होटल में पकड़ा गया महिला सिपाही के साथ, demotion of dsp


रफीक खान
लोगों के प्रमोशन, आउट ऑफ टर्न प्रमोशन तथा और तरह-तरह की तरक्कियों के किस्से तो बहुत सुने गए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी Aaditya nath Yogi की सरकार ने एक डीएसपी को सिपाही बनाने का फैसला किया है। दरअसल इस डीएसपी की हरकतें ऐसी थी कि राज्य सरकार को कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिस राज्य में वह राजपत्रित पुलिस अधिकारी के रूप में मौज कर रहा था, अब वही उसे सिपाही बना दिया गया है। फिल्मों में इस तरह के सीन कई बार देखे गए हैं लेकिन रियल लाइफ मे ऐसा सच बहुत कम सामने आता है। डिमोशन भी अगर शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के होते रहे हैं तो उन्हें पिछले पद पर पहुंचा दिया जाता था। इस बार इन डीएसपी साहब को पांच स्टेप नीचे धकेल दिया गया है।

वाक्या कुछ इस तरह का है कि कृपा शंकर कनौजिया उत्तर प्रदेश में उप पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं। इसके पूर्व वे वर्ष 2021 में उन्नाव के बीघापुर थाने में CO के रूप में कार्यरत थे। 6 जुलाई 2021 को कृपा शंकर कनौजिया ने छुट्टी के लिए आवेदन लगाया और उसमें उन्होंने अपने पारिवारिक कारणों का जिक्र किया। छुट्टी स्वीकृती के बाद कृपा शंकर कनौजिया थाने से रवाना हो गए लेकिन वह अपने घर और परिजनों के पास नहीं पहुंचे। शासकीय तथा निजी दोनों फोन उनके बंद हो गए। फोन बंद होने के कारण परिवारजन बुरी तरह परेशान हो गए। कृपा शंकर कनौजिया की पत्नी ने उनके गायब होने और संपर्क स्थापित न होने संबंधी शिकायती आवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को दिया। जिस पर जांच पड़ताल की गई और कृपा शंकर कनौजिया के दोनों मोबाइल सर्विलांस में लिए गए। तब कृपा शंकर की आखिरी लोकेशन कानपुर सेंट्रल में स्थित एक बड़ी होटल में पाई गई। इस जानकारी के बाद पुलिस टीम कानपुर सेंट्रल स्थित उस होटल में पहुंची और पतासाजी की तो वहां कृपा शंकर कनौजिया एक महिला सिपाही के साथ पकड़े गए। तब पुलिस विभाग द्वारा उन्हें तथा महिला सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया था और विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए थे। इस बीच में कृपा शंकर कनौजिया को एक और प्रमोशन मिल गया और वह डीएसपी बन गए। बताया जाता है कि शासन ने विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर डीजीपी मुख्यालय को कृपाशंकर को उनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश जारी करने को कहा। एडीजी प्रशासन के निर्देश पर उन्हें गोरखपुर की 26वीं वाहिनी में वापस सिपाही बना दिया गया। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन द्वारा शनिवार को आदेश भी जारी कर दिए गए।