रफीक खान
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जमायते इस्लामी उलेमा ए हिंद के पदाधिकारी तथा मदरसा संचालक एक मौलाना की घर पर बुलाकर कुल्हाड़ी, फावड़ा और सब्बल जैसे हथियारों से नृशंस हत्या कर दी गई। मौलाना की हत्या की खबर जैसे ही फैली एकत्रित भीड़ ने जमकर हंगामा किया और विरोध जताया। भीड़ की मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी बाबा का बुलडोजर कहां गया? वह तत्काल कार्रवाई करे और हत्यारों के मकान पर बुलडोजर चलाएं। हत्या पूरे नियोजन के साथ की गई, क्योंकि जमीन के एक मामले में मामूली सी बातचीत के लिए मौलाना को हमलावरों ने अपने घर बुलाया और उसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस तथा प्रशासन की टीम ने काफी देर तक अक्रोशित भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन जब वह मानने के लिए तैयार नहीं हुई तो लाठी चार्ज करना पड़ा। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मौलाना के हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि मामला जेठवारा थाना के सोनपुर गांव का है, जहां दबंगो ने मौलाना फारुक की हत्या कर दी। हत्या की वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैली है। हत्या से नाराज ग्रामीण सुबह से शव उठने नहीं दे रहे थे, इतना ही नहीं मौलाना फारुक की हत्या के बाद ग्रामीणों ने पुलिस के सामने ही आरोपी के घर पर पथराव किया। हंगामा की सूचना पर डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे, जहां ग्रामीणों को समझाने बुझाने का लगातार कामयाब प्रयास किया। 5 घंटे के बाद ग्रामीणों ने शव को उठने दिया और पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा। ग्रामीणों की मांग थी की आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया जाए और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
यह है पूरा मामला, घटना की वजह
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि एक जमीन का सौदा गांव के एक व्यक्ति व मौलाना के बीच हुआ था लेकिन भूस्वामी ने दूसरे को बेच दिया और मौलाना पैसे वापस मांगने लगे। इन्हीं पैसों को वापस देने को मदरसा के संचालक मौलाना को घर बुलाया और बातचीत के दौरान कहा-सुनी हुई तो मौलाना पर कुल्हाड़ी, सब्बल और फावड़े से हमला बोल दिया और घर के सामने शव को छोड़कर हमलावर फरार हो गए। काफी देर तक शव पड़ा रहा। पुलिस मामले की जांच कर रही है तथा हमलावरों को तलाशने के लिए कई संभावित ठिकानों पर तलाश भी की गई है।