रफीक खान
मध्य प्रदेश में इन दिनों सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। राज्य सरकार और शिक्षा मंत्रालय व शिक्षा संचालनालय ने ढेर सारे निर्देश जिम्मेदारों को दिए हैं। इस सब के पीछे मकसद सिर्फ यह है कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा बच्चे दाखिला ले लेकिन हालात यह है कि संभाग के मुखिया यानी की संभाग आयुक्त को गोबर उठाने तक मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूलों की हालत इतनी दयनीय है, गंदगी बजा रही है, शिक्षाक भी स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं, प्रवेश लेने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहे हैं। शहडोल संभाग के अंतर्गत आने वाले उमरिया जिले के एक स्कूल का एक दृश्य इस समय सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें संभागीय आयुक्त आईएएस अधिकारी खुद गोबर उठाने को मजबूर है। इस मामले में दो शिक्षकों को सस्पेंड भी किया गया है। इसके अलावा कई जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मामला उमरिया जिले के ग्राम केल्हारी का है, जहां शहडोल संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद उमरिया में पहुंचे हुए थे। इसके बाद वे कक्षा पहली में गए, जहां छात्र एक भी उपस्थित नहीं था। इसके लिए पहले तो शिक्षकों को फटकार लगाई और फिर जब बाहर जाकर देखा तो चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी। इसके बाद कमिश्नर खुद अपने हाथों से गोबर उठाते हुए दिखाई दिए। बच्चों की उपस्थिति ना होने पर शिक्षक मुकेश पटेल और शिक्षक जवाहर सिंह तथा एक अन्य को तत्काल निलंबित करने के लिए अपर संचालक लोक शिक्षण को निर्देश भी कमिश्नर ने दे दिए हैं। इसके अलावा उमरिया जिले के शिक्षा अधिकारी DEO स्कूल से संबंधित संकुल प्राचार्य, BRC तथा प्राचार्य चैतन्य महाप्रभु को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। उमरिया जिले के एक स्कूल का यह दृश्य मध्य प्रदेश के प्रायः सभी स्कूलों के हालात से काफी मिलता जुलता है।