Minor in liquor factory : सोम डिस्टलरीज में बच्चे बना रहे शराब, बाल आयोग ने मारा छापा, 59 बच्चों को काम करते पाया, रात के अंधेरे में 39 को गायब कर दिया गया - khabarupdateindia

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Minor in liquor factory : सोम डिस्टलरीज में बच्चे बना रहे शराब, बाल आयोग ने मारा छापा, 59 बच्चों को काम करते पाया, रात के अंधेरे में 39 को गायब कर दिया गया


रफीक खान
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में संचालित हो रही सोम डिस्टलरी एक बार फिर सुर्खियों में आई है। सोम डिस्टलरी में एक सूचना के आधार पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने जब छापा मार कार्रवाई की तो वहां बच्चे शराब बनाते हुए मिले। यह माजरा देख बाल आयोग भी सकते में आ गया। मौके पर 59 बच्चों को बोतलों में शराब भरते हुए पाया गया। आरोप यह भी है कि रात में अंधेरे का फायदा उठाते हुए 39 बच्चों को वहां से गायब कर दिया गया। बहरहाल बाल आयोग ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और आबकारी आयुक्त समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। उधर श्रम विभाग ने बाल आयोग की कार्यवाही के बाद पृथक से नोटिस जारी किया है। प्रथमदृष्टया दोषी आबकारी अधिकारियों को सस्पेंड करने की भी कार्रवाई कर दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर राष्ट्रीय बाल आयोग की निरीक्षण रिपोर्ट को सरकार ने गंभीरता से लिया तो सोम डिस्टलरी का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि निरीक्षण रिपोर्ट और भेजे गए नोटिस में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने उल्लेख किया है कि फैक्ट्री में पाए गए बाल श्रमिक गायब कर दिए गए हैं। इन बच्चों को प्रशासन ने शराब फैक्ट्री के मालिक के साथ मिलकर गायब कराया है ताकि उनके बयान न हो सकें। आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने शराब फैक्ट्री में निरीक्षण करने के बाद कहा था कि फैक्ट्री में 59 बच्चे काम करते पाए गए। उन्होंने कार्रवाई के लिए मामला रायसेन के जिला प्रशासन, श्रम विभाग और पुलिस के अधिकारियों के संज्ञान में ला दिया है। रविवार को आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि अंधेरा होते ही 39 बच्चों को गायब कर दिया गया। उनके संज्ञान में यह भी आया है कि फैक्ट्री में बच्चों से नशे का कारोबार भी कराया जा रहा था। नौ घंटे बाद एफआईआर दर्ज हो पाई और उसमें भी बच्चों को नशे के कारोबार में लिप्त करने पर लगने वाली जेजे एक्ट की धारा-78 नहीं लगाई गई। निरीक्षण में यह भी पाया गया है कि गैर कानूनी तरीके से किए जा रहे कामकाज को संरक्षित करने की भी भरपूर कोशिश की जा रही है। ऐसे संरक्षकों को भी चिन्हित कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

बिगड़ रहे बोल दोषी अधिकारियों के

बताया जाता है कि मामला मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के संज्ञान में आने पर प्रभारी आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल आतुलकर और तीन आबकारी उप निरीक्षक- प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा व मुकेश कुमार को देर रात निलंबित कर दिया गया। मंडीदीप में पदस्थ लेबर इंस्पेक्टर रामकुमार श्रीवास्तव का निलंबन आदेश भी लेबर कमिश्नर ने जारी कर दिया। अब तक श्रम विभाग के पांच अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। यह भी खबर सामने आ रही है कि दोषी अधिकारियों ने निलंबन की कार्रवाई के बाद ऊल जलूल बयान देने शुरू कर दिए हैं। यह दोषी अधिकारी राष्ट्रीय बाल आयोग की कार्रवाई को ही फर्जी तक बताने में जुट गए हैं। कहा जाता है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग पूरे मामले को लेकर आयोग सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।