रफीक खान
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में इस समय अचानक प्रकट हुए शिवलिंग के दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। शिवपुरी जिले में स्थित सिंध नदी में करीब 6 फुट हाइट तथा 5 फीट व्यास वाले शिव लिंग को 54 साल पहले सन 1970 में देखा गया था। 1970 के बाद से अब तक किसी ने शिवलिंग के दर्शन नहीं किए थे। नदी के जिस कुंड वाले क्षेत्र में शिवलिंग स्थित है, वहां हमेशा भारी मात्रा में पानी भरा रहता था। इत्तेफाकतन इस बार उस स्थान का पानी पूरी तरह से गायब हो गया और शिवलिंग सामने प्रकट हो गए। शिवलिंग के सामने आते ही भक्तों की भीड़ वहां उमड़ पड़ी और पूजा दर्शन का दौर जारी है। यह शिवलिंग कितने दिन तक भक्तों के दर्शन के लिए उपलब्ध रहेंगे, कहा नहीं जा सकता है।
बताया जाता है कि सिंध नदी के पानी में काफी प्राचीन शिवलिंग है। इस नदी में पानी अधिक रहने से यह शिवलिंग जलमग्न रहता है। इस बार बारिश कम होने और नदी में पानी कम हुआ तो यहां पर वर्षों पुराने शिवलिंग के दर्शन किए गए। जिले के नरवर से 20 किलोमीटर पूर्व की दिशा नरवर-करैरा रोड पर बडैरा चौराहे से उत्तर दिशा में स्थित ग्राम पंचायत कालीपहाडी गांव से दो किलोमीटर दूर से सिंध नदी गुजरती है। इस नदी के ही मुहाने पर प्राकृतिक कुंड है। जिसमें शिवलिंग है लेकिन यहां पर लगभग 60 फीट पानी भरा रहता है। नदी में सन 1970 के बाद के बाद इतना पानी कम हुआ है। वैसे वर्ष में जनवरी-फरवरी के बीच थोड़ा बहुत पानी कम होता है इस बीच जब पानी कम होता है तो 1 से 2 फीट शिवलिंग के दर्शन होते हैं लेकिन इस बार नदी में पानी बहुत कम हो गया। सिंध नदी पर पर बने इस कुंड में पानी कम होने के बाद इस बार पूरा शिवलिंग दिख रहा है। काली पहाड़ी गांव से 2 किलोमीटर दूर से नदी गुजरती है। उसमें ही जहां पर प्राकृतिक कुंड है, जिसमें इस कुंड को कालादा के नाम से जाना जाता है।