RTO की जांच चौकियां होगी बंद, रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट चेकिंग पॉइंट और मोबाइल चलेंगी, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश, Road sefty and inforcement checking point - khabarupdateindia

खबरे

RTO की जांच चौकियां होगी बंद, रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट चेकिंग पॉइंट और मोबाइल चलेंगी, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश, Road sefty and inforcement checking point


रफीक खान
परिवहन विभाग द्वारा समूचे मध्य प्रदेश में संचालित किए जाने वाले चेक पॉइंट्स को बंद करने की तैयारी चल रही है। इसके बदले रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट चेकिंग पॉइंट्स Road sefty and inforcement checking point तथा मोबाइल यूनिट mobile unite के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग तथा परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में कागजी प्रक्रियाएं भी शुरू कर दी गई है। आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। इन आदेशों और नए परिवर्तन के पीछे समीक्षा बैठकों में किए गए विचार मंथन और फीडबैक को आधार बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि राज्यों की सीमा रेखा पर तथा इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर परिवहन विभाग द्वारा स्थाई तथा अस्थाई चेकिंग पॉइंट्स बनाकर जमकर वसूली का ढर्रा सालों से चला आ रहा है। यहां चेकिंग के नाम पर मार्ग से गुजरने वाली हर वाहन से मनमानी वसूली की जाती रही है। परिवहन विभाग तथा उसके अधीन प्रतिनियुक्ति पर आने वाले पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों के अलावा प्राइवेट गुर्गे इन चेकिंग पॉइंट्स पर काम करते रहे हैं। इन चेकिंग पॉइंट्स को इतना ज्यादा मलाईदार माना जाता रहा है कि पुलिस जैसी रौबदार नौकरी को भी बाय-बाय कर कर्मचारी व अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर परिवहन विभाग में आते रहे हैं। निरंतर परिवहन चेक पोस्टों पर अवैध वसूली की शिकायतें भी होती रही है लेकिन कभी इन्हें राज्य शासन या उसके जिम्मेदार विभागों व अधिकारियों ने तवज्जो नहीं दी। नतीजन यह सिलसिला अब तक जारी रहा है। ताज आदेशों में पिछले बैठकों की समीक्षा का हवाला देते हुए यह कहा जा रहा है कि यह तमाम तरह के परिवहन चेक पोस्ट बंद कर दिए जाएंगे। इसके बजाय 211 होम गार्ड्स को भरती कर रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट चेकिंग पॉइंट तथा 94 मोबाइल यूनिट लगाई जाएगी परिवहन विभाग मैं होने वाले इस परिवर्तन की खबर से विभाग के कर्मचारियों का अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। वर्षों से मलाई खा रहे और मलाईदार पदों पर कुंडली बांधकर बैठे कर्मचारी व अधिकारियों को यह आदेश जरा भी रास नहीं आ रहे हैं। उनकी रातों की नींद हराम हो गई है।