IAS दीपक सक्सेना की संपत्ति हड़पी, बांग्लादेश निवासी सलमा ने बना डाले तमाम तरह की फर्जी दस्तावेज, पुलिस के पास पहुंचा मामला, Fraud from Additional Secretary's father - khabarupdateindia

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IAS दीपक सक्सेना की संपत्ति हड़पी, बांग्लादेश निवासी सलमा ने बना डाले तमाम तरह की फर्जी दस्तावेज, पुलिस के पास पहुंचा मामला, Fraud from Additional Secretary's father



रफीक खान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की पुलिस के पास एक हाई प्रोफाइल मामला पहुंचा है। संपत्ति हड़पने संबंधी आरोप का यह मामला बड़ा ही दिलचस्प है। गुजरात कैडर के आईएएस तथा रिटायर्ड एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के परिवार से जुड़ा हुआ है। दीपक सक्सेना के पिता प्रेम नारायण सक्सेना फॉरेस्ट विभाग में रेंजर से रिटायर हुए थे और उनकी सेवा के लिए दीपक के भाई ने नोएडा से एक नौकरानी भेजी थी। यह नौकरानी बांग्लादेश की रहने वाली थी। जिसका नाम सलमा बताया जा रहा है। सलमा ग्वालियर आई और परिवार के हालात देखे तो यहां उसकी संपत्ति पर नियत खराब हो गई। सलमा मीनू सक्सेना बन बैठी और मीनू सक्सेना के नाम से उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत सही दस्तावेज तैयार करवा लिए। इसके बाद करीब ढाई करोड रुपए की संपत्ति भी हड़प ली। दीपक सक्सेना के पिता प्रेम नारायण सक्सेना की मौत के बाद यह राज उसे समय खुला, जब संपत्ति पर भौतिक रूप से कब्जा लेने के लिए सलमा से मीनू बनी नौकरानी ने गुंडो के जरिए दीपक सक्सेना पर हमला करवा दिया। मामला अब पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है और पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि एडिशनल सेक्रेटरी रहे दीपक सक्सेना के पिता का जब निधन हो गया तो खुद ही सलमा उर्फ मीनू सक्सेना ने वसीयत भी तैयार कर ली। उनकी ढाई करोड़ रुपये कीमत की जमीन पर दबंगों का कब्जा करा दिया। बैंक खातों में भी पत्नी बनकर सेंध लगाई। जब जमीन के नामांतरण के लिए आवेदन लगाया, तब बुजुर्ग के बेटों को महिला की करतूत का पता लगा। अब उन्होंने ग्वालियर आकर एफआईआर दर्ज कराई है। ग्वालियर में बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के सदाशिव नगर में रहने वाले दीपक सक्सेना ने स्वास्थ्य खराब रहने के चलते उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली। दीपक के भाई पहले विदेश में रहते थे, अभी पुणे में नौकरी कर रहे हैं।दीपक ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जब उनके भाई नोएडा में नौकरी करते थे। तभी कंस्ट्रक्शन साइट पर एक महिला काम करती थी, जिसने अपना नाम सलमा बताया था। वह बांग्लादेशी है। उसे पिता की देखरेख के लिए ग्वालियर ले आए थे, क्योंकि दोनों भाई बाहर रहते थे। सलमा को लगा कि पिता यहां अकेले रहते हैं तो उसने उनके नाम का उपयोग का फर्जी दस्तावेज बनवा लिए। खुद को मीनू सक्सेना पत्नी प्रेमनारायण सक्सेना लिखने लगी। इसके माध्यम से उसने पीएनबी, यूनियन बैंक और अन्य बैंकों में उनके खातों में सेंध लगा दी। प्रेमनारायण का निधन हो गया तो उसने फर्जी वसीयत के माध्यम से मुरैना स्थित उनकी ढाई करोड़ रुपये कीमत की 15 बीघा जमीन के नामांतरण के लिए आवेदन किया, तब दीपक को धोखाधड़ी का पता लगा। वह ग्वालियर आए।