रफीक खान
फिल्म "हमारे 12" की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया Supream Court Of India ने रोक लगा दी है। इस फिल्म का पोस्टर तथा शुरुआती जानकारी जैसे ही सार्वजनिक हुई, वैसे ही मुस्लिम समाज में तीव्र विरोध शुरू हो गया था। फिल्म हमारे 12 में कलाकार अन्नू कपूर, मनोज जोशी, पार्थ सामंथन, परितोष त्रिपाठी शामिल है। फिल्म हमारे 12 के रिलीज होने के एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश से फिल्म के निर्माताओं में हड़कंप की स्थिति बन गई है। फिल्म रिलीज को इजाजत देने वाले मुंबई हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि हमने सुबह फिल्म का ट्रेलर देखा है और ट्रेलर में सभी आपत्तिजनक संवाद जारी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसे पूरा विश्वास है कि सीबीएफसी जो अधिनियम के तहत सौंपी गई वैधानिक संस्था है, वह अपना काम करने में विफल रही है। ऐसी स्थिति के मध्य नजर ही फिल्म के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाना उचित होगा। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की।
फिल्म हमारे बारह की सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका मे कहा गया है कि यह फिल्म इस्लामी आस्था के खिलाफ और भारत में विवाहित मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने वाली है। इस फिल्म की कहानी की बात करें तो इसमें 60 साल की मंसूर अली खान संजरी की है। उनके पहले से ही 11 बच्चे हैं। उनकी पहली बीवी 6 बच्चों को जन्म देकर मर चुकी है। इसके बाद वो खुद से 30 साल छोटी लड़की से शादी करता है। दूसरी पत्नी से उसके पांच बच्चे होते हैं। उसकी पत्नी छठी बार गर्भवती हो जाती है। खान गर्व से कहता है अगर अगले साल जनगणना होगी तो इस घर में हम दो और हमारे बारह होंगे। फिल्म में टर्न तब आता है जब डॉक्टर कहती है रुखसाना का गर्भपात नहीं करवाया गया तो उसकी जान खतरे में पड़ सकती है। इस पर खान की बड़ी बेटी अल्फिया हिम्मत करके उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक मुकदमा दायर करती है कि उसकी सौतेली मां को गर्भपात की इजाजत दी जाए। यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले अन्नू कपूर ने अपनी आगामी फिल्म के कलाकारों और चालक दल को सोशल मीडिया पर बलात्कार और मौत की धमकियां मिलने के बाद मुंबई पुलिस से सुरक्षा का अनुरोध किया था। अभिनेता ने एक वीडियो में कहा, "फिल्म महिला सशक्तिकरण की वकालत करती है और महिलाओं के अधिकारों की बात करती है। पहले फिल्म देखें और फिर अपना फैसला दें।