रफीक खान
एक युवक का अंतिम संस्कार हो गया, अस्थि संचय के बाद खारी विसर्जन हो गया, परंपरागत और धार्मिक हिंदू विधि विधान से बहुत सारी रस्में पूर्ण कर दी गई। 13वीं की तैयारी शुरू हो गई थी और दूसरे दिन पूजन होना था कि 12 दिन पहले मर चुका वही युवक अचानक घर आ पहुंचा। यह माजरा देख न सिर्फ परिवार वाले बल्कि पूरा का पूरा इलाका हैरत में आ गया। एक पल तो किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो युवक 12 दिन पहले मर गया वह आखिर जिंदा होकर कैसे आ गया? और अगर वह मरा नहीं था तो फिर अंतिम संस्कार किसका कर दिया गया? इस तरह के तमाम सवाल लोगों के मन में अभी तक कौतूहल का विषय बने हुए हैं।
बताया जाता है कि सोशल मीडिया पर एक दुर्घटना का फोटो वायरल हुआ। इसमें राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के पास सूरवाड़ में गंभीर एक्सीडेंट बताकर मदद मांगी जा रही थी। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिला अंतर्गत लहचौड़ा के दीनदयाल शर्मा ने फोटो देखा तो पहचान बेटे सुरेंद्र के रूप में कर ली। वे जयपुर पहुंचे तो युवक की मौत हो गई। पिता 29 मई को सुरेंद्र मानकर शव घर ले आए और अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन रविवार को होने वाली तेरहवी की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच शनिवार को नोएडा से सुरेंद्र ने भाई देवेंद्र को फोन किया। पहले तो देवेंद्र को भरोसा नहीं हुआ, वीडियो कॉल किया तो परिजन दंग रह गए। फिर खुद को संभाला और ईश्वर को धन्यवाद दिया। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के श्योपुर के लहचौड़ा निवासी सुरेंद्र शर्मा बाहर जयपुर मजदूरी करता था। पिछले दिनों सवाई माधोपुर के सरवाड़ गांव के थाने से फोन आया कि सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्वजन शव की शिनाख्त करने के लिए अस्पताल के पीएम हाउस पहुंचे, परिजन ने मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में की। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव उनको सौंप दिया। परिजनों ने सुरेंद्र के नंबर पर उस समय कई बार कॉल भी किया लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था। इस कारण यह भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई। सुरेंद्र ने भी इस बीच में कोई संपर्क नहीं किया। जिससे सुरेंद्र की शक्ल से मिलने वाला युवक जो एक दुर्घटना का शिकार हुआ था, उसे अपना मानकर इन लोगों ने स्वीकार कर लिया था।