CM दखल नहीं देते तो बच जाता थानेदार और स्कूल संचालक, अब स्कूल - हॉस्टल में बच्ची के साथ रेप के मामले में डॉक्टर भी SIT के रडार पर - khabarupdateindia

खबरे

CM दखल नहीं देते तो बच जाता थानेदार और स्कूल संचालक, अब स्कूल - हॉस्टल में बच्ची के साथ रेप के मामले में डॉक्टर भी SIT के रडार पर



रफीक खान
12- 13 मई 2024 को राजधानी भोपाल के एक निजी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की बच्ची से रेप के मामले की मेडिकल जांच में जब पुष्टि हो गई तो मिसरोद थाने में पदस्थ रहे सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत ने समझौते का दबाव बनाया। प्रकाश ने पीड़िता की मां को धमका कर रिपोर्ट न दर्ज करने के लिए कहा। परेशान मां 164 के बयान के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं करवा पा रही थी। मामले की जानकारी जैसे ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को लगी उन्होंने पुलिस कमिश्नर को एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि मामले में लापरवाह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। जिसके चलते ही थानेदार प्रकाश सिंह राजपूत के अलावा स्कूल संचालक मिनीराज मोदी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अब SIT के रडार पर डॉक्टर आ रहे हैं, क्योंकि जांच के दौरान पीड़ित मासूम बच्ची की मां ने शिकायत में कहा है कि डॉक्टर भी मामले में लीपा पोती करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

गौरतलब है कि भोपाल के गंगासागर स्कूल में 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म की वारदात हुई थी। 30 अप्रैल को इस मामले में एफआईआर हुई थी। पुलिस ने हॉस्टल की महिला वार्डन समेत अज्ञात तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पीड़ित बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग में बयान में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी का नाम लिया था उसकी पहचान की थी। पुलिस ने मामले में जांच का हवाला देते हुए आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की थी।मिसरोद टीआइ को दिए आवेदन में बच्ची की मां ने बताया 
था कि 15 दिन पहले हॉस्टल में एडमिशन कराया। 28 अप्रेल को बेटी वीडियो कॉल पर रोकर कुछ कहना चाहती थी, पर वार्डन ने कॉल काट दिया। 29 अप्रेल को बच्ची से मिलीं तो उसने बताया कि 5 दिन पहले खाने में कुछ मिलाकर खिलाया। रात में होश आया तो वह कमरे में बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी सर, बच्ची को होश आ गया। इसके बाद आंख पर हाथ रख दिया। पेट में दर्द हो रहा था, प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। बच्ची बेहोश हो गई। सुबह होश आया तो पलंग पर सो रही थी। उसने वार्डन से कहा कि पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने बच्ची को नहलाया और दवा देकर चुप कर दिया। मामले में 30 अप्रेल की रात मिसरोद थाने में एफआइआर दर्ज हुई।