रफीक खान
लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना शाखा की टीम ने गुरुवार को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में वन परिक्षेत्र अधिकारी रेंजर दिनेश मालवीय तथा डिप्टी रेंजर कमलेश कुमार चौहान को ₹50000 की रिश्वत के साथ दबोचा है। एक टिंबर मर्चेंट द्वारा लकड़ी के कारोबार में सारा कार्य वैधानिक तौर पर करने के बावजूद रेंजर तथा डिप्टी रेंजर ने उसका माल जप्त कर लिया था।उसे परेशान किया तथा ₹50000 की रिश्वत मांगते हुए जुर्माना और धारा कम करने का आश्वासन दिया। पानी सिर से ऊपर होने की स्थिति में टिंबर मर्चेंट ने लोकायुक्त पुलिस की शरण ली और लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन करने के उपरांत दोनों को गुरुवार को अपनी गिरफ्त में ले लिया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी गई है।
मामले में की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी इस तरह है:-
आरोपीगण~
1. दिनेश मालवीय वन क्षेत्रपाल गोटेगांव
2. कमलेश कुमार चौहान सहायक वन क्षेत्रपाल गोटेगांव
आवेदक =योगेंद्र सिंह पटेल व्यव. टिंबर मर्चेंट निवासी गया दत्त वार्ड स्टेशन गंज नरसिंहपुर
दिनांक घटना=23 मई
ट्रैप राशि=50,000 रुपए
घटनास्थल=वन परिक्षेत्र कार्यालय गोटेगांव जिला नरसिंहपुर
विवरण= आवेदक टिंबर मर्चेंट है वन विभाग से लकड़ी कटवाने की लिखित अनुमति लेकर दिनांक 18 मई को शाम 7:00 बजे ग्राम सगड़ा गोटेगांव में किसान के खेत से सतकटा की लकड़ी कटवा कर हाइड्रा वाहन से ट्रक में भरवाया जा रहा था ट्रक में लकड़ी लोड होने के बाद टी.पी. लिया जाना था इसी दिनांक को रेंजर दिनेश मालवीय एवं डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान ने अपने स्टाफ के साथ ग्राम सगड़ा में मौके पर आकर हाइड्रा वाहन एवं लकड़ी भरे ट्रक को जप्त कर लिया एवं वाहनों को श्याम नगर फॉरेस्ट चौकी गोटेगांव में रखा है, आवेदक द्वारा रेंजर दिनेश मालवीय एवं डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान से वाहनों और लकड़ी को छोड़ने का निवेदन किया तो उन दोनों के द्वारा प्रकरण हल्का बनाने एवं कम जुर्माना लगाने के एवज में ₹50000 रिश्वत की मांग की गई जिसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में की गई, शिकायत सत्यापन उपरांत आज दोनों को वन परिक्षेत्र कार्यालय गोटेगांव में ₹50000 की रिश्वत राशि लेते हुए लोकायुक्त जबलपुर टीम के उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके , इंस्पेक्टर नरेश बेहरा, इंस्पेक्टर भूपेन्द्र कुमार दीवान एवं 8 अन्य सदस्यों ने रंगे हाथों पकड़ा आरोपीगणों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है!