रफीक खान
बुधवार की अल सुबह मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में खजरी खिरिया बाईपास स्थित शमीम कबाड़ी के गोदाम यानी कि रजा मेटल इंडस्ट्रीज में फिर जबरदस्त धमाके हुए। यह धमाके एयरफोर्स के बमों के थे। एयर फोर्स के इन बमों को महाराष्ट्र के आमला से जबलपुर लाया गया था। अबकी बार यह धमाके दुर्घटना वश नहीं बल्कि एनआईए, एनएसजी, एटीएस, एमआई जैसी महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों की उपस्थिति में पुलिस और बीडीएस द्वारा किए गए। धमाकों की आवाज से आसपास के इलाकों में फिर एक बार दहशत का माहौल निर्मित हुआ। उधर पुलिस ने बम धमाके के प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों फहीम तथा सुल्तान को बुधवार की शाम न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय के आदेश पर फहीम को दो दिन की पुलिस रिमांड पर और लिया गया है, जबकि सुल्तान को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। रिमांड पर लेने के बाद पुलिस फहीम से और पूछताछ करेगी तथा साक्ष्य जुटाने के भी प्रयास किया जा रहे हैं।
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को दोपहर में खजूरी खिरिया बाईपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्रीज के गोदाम पर दिल दहला देने वाले धमाके हुए थे। पुलिस एफआईआर के मुताबिक इसमें कुछ लोगों की मौत भी हुई और यह माना जा रहा है कि गोदाम में काम करने वाले खलील तथा भोला नामक व्यक्ति मिसिंग है, संभवत: यही मौत की शिकार हुए हैं। इनके शरीरों के कुछ अवशेष जरूर मिले, लेकिन विभिन्न तरहों की फॉरेंसिक जांचों के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वास्तव में ये किसके शरीर के अवशेष है? घटना के बाद अधारताल पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के अलावा अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। शमीम कबाड़ी उसका बेटा फहीम कबाड़ी तथा सुल्तान को फिलहाल आरोपी बनाया गया है। इनमें से फहीम तथा सुल्तान को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि शमीम लगातार फरार चल रहा है। शमीम के फरार होने को लेकर तरह-तरह की अटकलने व कयास लगाए जा रहे हैं, जिनमें उसका पाकिस्तान और दुबई भाग जाना भी शामिल है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले में किसी भी तरह की कोई अधिकृत जानकारी शमीम के बारे में देने से बच रही है। पुलिस का मानना है कि अपनी गुप्त सूचना और जानकारी के आधार पर पहली प्राथमिकता से शमीम को गिरफ्तार किया जाए, इसके बाद तमाम तरह की जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा।
रिमांड के दौरान पूछताछ में यह जानकारी दी
गिरफ्तारी के बाद अधारताल पुलिस तथा जांच एजेंसियों के अन्य अधिकारियों ने शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम तथा सुल्तान से सघन पूछताछ की। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में की गई पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पुलिस तथा जांच एजेंसियां इन सभी तथ्यों की गहराई तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है और ज्यादा चीजों को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। हालांकि पूछताछ में एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि बड़ी तादाद में बम संबंधी कथित स्क्रैप महाराष्ट्र के आमला से नीलामी में उठाया गया है। फहीम तथा सुल्तान की इस जानकारी से यह स्पष्ट हो रहा है कि जो धमाके हुए हैं वह संभवत: एयरफोर्स में उपयोग किए जाने वाले बम है। एयरफोर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले यह बम जिंदा कैसे यहां पहुंचे ? यह एक बड़ा विचारणीय और चिंतनी विषय है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इस तरह के कई संगीन और गंभीर आरोपो का खुलासा करने के लिए मशक्कत कर रही है। हालांकि फहीम और सुल्तान पूछताछ के दौरान शातिर अपराधियों की तरह रवैया अपनाए हुए हैं और वह ज्यादा कुछ बताने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा ओएफके तथा रक्षा मंत्रालय के विभिन्न संस्थाओं से बमों की स्क्रैप को खरीदना बताया गया है। यह सभी तरह के स्क्रैप टेंडर के जरिए खरीदे गए हैं। जिंदा बम कैसे पहुंचे इसकी जानकारी आरोपी गण नहीं दे रहे हैं।
कहां जाते थे बम और उसका बारूद
एक सवाल मन को झकझोर रहा है कि अगर स्क्रैप में रिजेक्ट बम आ भी जाते थे और स्क्रैप कारोबारी इन बमों को उसमें लगी कीमती धातु अर्थात पीतल, तांबा, जस्ता आदि को निकाल लेता था तो उसका बारूद कहां जाता था? और जिस तरह से भारी तादाद में जिंदा बम फटे और बुधवार को जिंदा बमों को दफन किया गया, वह बम कबाड़ खाने आने के बाद कहां जाते थे? इनका क्या उपयोग होता था? क्योंकि बम का उपयोग धमाकों के अलावा किसी और चीज के लिए नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसके पीछे उठने वाले सवाल बहुत सारे हैं लेकिन जवाब सिर्फ और सिर्फ सपाट होगा।
"गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से सुल्तान को जेल भेज दिया गया है जबकि फहीम को दो दिन की और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। बुधवार को जांच एजेंसियों, पुलिस तथा उसकी बीडीएस टीम के द्वारा कबाड़ खाने में मौजूद बमों का विनष्टीकरण किया गया। गुरुवार को भी विनष्टीकरण किया जाएगा। शमीम के ऊपर ₹15000 का इनाम घोषित करने के बाद उसकी तलाश जारी है।"
तुषार कांत विद्यार्थी,
डीआईजी,
जबलपुर जोन