रफीक खान
पुलिस किस तरह की मनमानी करती है और असलियत सामने आने की बावजूद फिर तक फिर कर दिया जाता है इसका एक ताजा मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है। यहां खैरागढ़ जिले के गंडई थाना अंतर्गत कोपेभाठा में रहने वाले गुलशन राजपूत ड्राइवर के साथ लूट व हत्या की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने इस मामले को महज गड्ढे में गिरकर दुर्घटना और उस दौरान हुई चोरी का बना दिया। थाना पुलिस ने जांच में सीसी कैमरे से फुटेज भी देखे थे, इसके बावजूद मामले को पूरी तरह सच्चाई से दूर करते हुए पलट दिया गया। जब वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला आया और सीसी कैमरे के फुटेज देखे गए तो थाने में हड़कंप मच गया। जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि एक ड्राइवर के साथ शराबी ने मारपीट करते हुए हत्या करने की कोशिश की और उसका मोबाइल भी लूट ले गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई लेकिन पुलिस के पास जब पीड़ित शिकायत करने पहुंचा तो उल्टा उस पर चोरी की एफआइआर कराने का दबाव डाला गया। इतना ही नहीं, पुलिस ने मनमानी करते हुए एफआइआर में यह लिखा कि पीड़ित अचानक बाइक समेत गड्ढे से टकराकर गिरा और बेहोश हो गया। इस बीच उसका मोबाइल किसी ने चोरी कर लिया। पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत आइजी से की। खैरागढ़ जिले के गंडई थाना अंतर्गत कोपेभाठा में रहने वाले गुलशन राजपूत ड्राइवर हैं। वे कुदुदंड में किराए के मकान में रहते हैं। ड्राइवर रात को शराब लेने के लिए मंगला स्थित भट्ठी गया था। इसी दौरान एक व्यक्ति ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। मारपीट से घायल ड्राइवर बेहोश हो गया। उसे जब होश आया तो मोबाइल और बाइक गायब थी।
ड्राइवर पर दबाव बनाकर बदली कहानी
रात करीब दो बजे ड्राइवर को होश आया। वह किसी तरह सिविल लाइन थाने पहुंचा। रात को जवानों ने उसे घर भेज दिया, दूसरे दिन थाने आकर शिकायत करने की बात कही। दूसरे दिन सुबह जब वह थाने पहुंचा तो जवान उसे शराब दुकान के पास लेकर गए। वहां पूछताछ के बाद जवानों ने ड्राइवर पर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने का दबाव बनाया। इस पर मजबूर होकर ड्राइवर ने जवानों के कहे मुताबिक शिकायत दर्ज करा दी। बताया जा रहा कि उसकी बाइक पास में ही मिल गई है, लेकिन मोबाइल नहीं मिला है। ड्राइवर आइजी कार्यालय पहुंच गया। उसने पूरे मामले की शिकायत आइजी डा संजीव शुक्ला से की है। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद आइजी ने अधिकारियों को मामले की जांच करने कहा है। आईजी के निर्देश पर जब वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच की गई तो पता चला कि फुटेज में दिख रहा कि ड्राइवर गुलशन राजपूत जमीन पर पड़ा हुआ है और आरोपित उस पर ईंट-पत्थर से हमला कर रहा है। इस दौरान वह बेहोश हो गया, फिर भी आरोपित उसे मारता रहा। कुछ देर में आरोपित उसे मरा हुआ समझकर वहां से भाग निकला। इतना ही नहीं पीड़ित अपनी जान बचाने के लिए आरोपित के पैर पड़कर उसके सामने गिड़गिड़ाता रहा। अब फर्जी कहानी की एफआईआर का राज खुलने के बाद जिम्मेदार पुलिस वाले दहशत में आ गए हैं।