रफीक खान
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विवाहित स्त्री को भी अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना है। हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि वैवाहिक पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति पाने का अधिकार है। एक याचिका पर आदेश पारित करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने जिला शिक्षा अधिकारी को 60 दिन के भीतर अभ्यावेदन निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि याचिकाकर्ता अनुकंपा नियुक्ति पाने की हकदार नहीं है तो अभ्यावेदन निराकृत करते समय इस बात का संपूर्ण कारण आवश्यक रूप से रेखांकित किया जाए।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता राजकुमारी बालमीक की ओर से हाई कोर्ट में दलील दी गई कि याचिकाकर्ता विवाहित बेटी है। पिता की मृत्यु के बाद उसने डीईओ के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति पाने अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। दलील दी गई कि हाई कोर्ट की फुल बेंच ने मीनाक्षी दुबे विरुद्ध मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मामले में यह अभिनिर्धारित किया है कि विवाहित पुत्री भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीईओ को याचिकाकर्ता के लंबित अभ्यावेदन पर विचार कर उचित निर्णय पारित करने के निर्देश दे दिए। साथ ही 60 दिन की समय सीमा भी अभ्यावेदन निराकृत करने के लिए निर्धारित की गई है।