रफीक खान
चुनावी चंदे का धंधा यानी कि इलेक्टोरल बांड स्कीम के तहत चंदा देकर सत्तासीन सरकारों से फायदा उठाने वालों पर अब सीबीआई CBI ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट SC के कड़े रुख के बाद ऐसा लगता है कि जांच एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर आ गई है। सीबीआई ने हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) और एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के 8 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई के पास इन कंपनियों को मिले प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार का बड़ा इनपुट मिला है। जिसकी जांच के चलते यह कदम उठाया गया है। कंपनी ने कुल 966 करोड रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदे थे और यह बॉन्ड किसी एक राजनीतिक पार्टी के नहीं बल्कि कई राजनीतिक पार्टियों के थे। MEIL चुनावी बांड की दूसरी सबसे बड़ी खरीददार है। MEIL के प्रोमोटर पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी हैं।सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद चंदे के धंधे में शामिल बड़े कारोबारी में खलबली मच्छी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ मिली शिकायत में एनआईएसपी, एनएमडीसी और मेकॉन लिमिटेड के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है। इन अधिकारियों को मेघा इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल लिमिटेड को दिए गए ठेकों के बदले में रिश्वत मिली थी।हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के तहत दूसरी सबसे बड़ी डोनर है। इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदारों की जानकारी सामने आने के बाद से ही यह कंपनी सुर्खियों में है। जांच में पाया गया कि कंपनी ने चुनावी बांड खरीदने के तुरंत बाद कई परियोजनाएं हासिल कीं। 2019 और 2023 के बीच, मेघा इंजीनियरिंग ने कथित तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदने के बाद पांच अहम कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए।
BJP को 584 करोड़ रुपए डोनेट
कहा जाता है कि कंपनी ने 966 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा। कंपनी ने बीजेपी के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए 584 करोड़ रुपए डोनेट किए। इसके साथ ही BRS को 195 करोड़ रुपए और DNK को 95 करोड़ रुपए डोनेट किया। इसके साथ ही MEIL ने वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगु देशम, कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), जनता दल (सेक्युलर) और जन सेना पार्टी जैसी अन्य पार्टियों के लिए भी चुनावी बॉन्ड खरीदे।