यूं तो हर शिष्य अपने गुरु का आदर करता है लेकिन बहुत कम होते हैं जो भक्ति में इस तरह लीन हो कि वह मिसाल बन जाए। शहर के प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पवन स्थापक उनमें से एक है। जिन्होंने अपने परम पूज्य गुरुदेव दादा वीरेंद्र पुरी जी महाराज की श्रद्धा में देवजी नेत्रालय के रूप में एक बड़ा और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल बनाया और फिर यहां से निशुल्क सेवा को जरूरतमंदों के लिए समर्पित करना शुरू कर दिया। देवजी नेत्रालय में डॉक्टर पवन स्थापक की यह नि:शुल्क सेवा यात्रा ऐसी शुरू हुई कि 7 सालों में 22 लाख से ज्यादा नेत्र परीक्षण और इनमें से चिन्हित किए गए करीब 3 लाख लोगों के मोतियाबिंद ऑपरेशन किए जा चुके हैं। देवजी नेत्रालय के 7 साल पूरे होने पर मंगलवार को विधि विधान से वर्षगांठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया सुंदरकांड के पाठ उपरांत मरीज को फल एवं प्रसाद भी वितरित किया गया। विदित हो कि डॉक्टर स्थापक न सिर्फ देव जी नेत्रालय बल्कि सक्षम तथा अन्य धार्मिक व सामाजिक संगठनों के नेत्र शिविरों में भी नि:शुल्क सेवा देते हुए बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करते हैं।
डॉ पवन स्थापक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि देवजी नेत्रालय का भूमिपूजन निवृत शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के कर -कमलों द्वारा 2 मई 2014 अक्षय तृतीया के दिन और लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत जी के द्वारा 2 अप्रैल 2017 को तिलवारा घाट के आगे हुआ था I डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि सेवा संकल्प की निःशुल्क नेत्र सेवा महाकोशल के 16 जिलों में की जा रही है। मरीजों का नेत्र परीक्षण कर चयनित मरीजों का निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन किया जाता है l
नेत्र संबंधी सभी जटिल बीमारियों का इलाज
डॉक्टर स्थापक के अनुसार देवजी नेत्रालय मे आँखों की समस्त बीमारियों का इलाज किया जाता है l यहाँ निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन ही नहीं होते बल्कि ग्लूकोमा, रेटिना,कॉर्निया,स्क्विंट और पीडियाट्रिक ऑफ्थेलमोलॉजी जैसे विशेष ऑपरेशन भी होते है I जिस जटिल नेत्र चिकित्सा के लिए लोगों को महानगरों का रुख करना पड़ता था वो सब एक ही छत के नीचे देश-विदेश से प्रशिक्षित नेत्र विशेषज्ञों की टीम के साथ देवजी नेत्रालय में उपलब्ध है I 7 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित किए गए गरिमा में कार्यक्रम में डॉ. पवन स्थापक के अलावा श्रीमती अनुपमा स्थापक, डॉ. आयुष टंडन, डॉ. अर्पिता स्थापक दुबे, डॉ. सोनिया टंडन, डॉ. रितेश शुक्ला, डॉ मयंक प्यासी, डॉ श्रुति चौधरी, अजीत दुबे, शशांक दुबे आदि उपस्थित थे l