रफीक खान
अराजक व्यवस्था में बेशर्मी किस कदर बेलगाम हो गई है कि वह किसी स्थिति में बिना लेनदेन के काम करने तैयार नहीं है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें घूसखोरों ने कोरोना काल में यतीम हुए नाबालिक को भी नहीं बक्शा। उससे भी रिश्वत मांगने में जरा भी हिचक नहीं की। वह तो गनीमत थी कि नाबालिक ने हिम्मत जुटाई और उसने रिश्वतखोरी की शिकायत लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना शाखा इंदौर को कर दी। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने जाल बिछाया और दोनों घूसखोरों को 36000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि मामला महिला एवं बाल विकास विभाग विभाग के महिला सशक्तिकरण कार्यालय का है। संजय नगर निवासी अमन राठौर के पिता संतोष राठौर की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत उसने अगस्त 2023 में महिला एवं बाल विकास विभाग में अपने और अपनी छोटी बहन के नाम आवेदन दिया था। योजना के तहत कोरोना काल में अनाथ हुए 18 वर्ष से कम बच्चों को प्रतिमाह चार हजार रुपए की राशि शिक्षा के लिए दी जाती है। दोनों भाई-बहन के नाम पर सात माह की राशि 56 हजार रुपए स्वीकृत हुई थी। महिला सशक्तिकरण विभाग में संविदा बाबू मनोज दिवाकर और कम्प्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप ने राशि स्वीकृत कराने के लिए 36 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। चुंकि राशि हितग्राही बालक-बालिका की माता के खाते में आई थी, इसलिए दोनों ने उसे डाराया था कि यदि 36000 रुपए नहीं दिए तो भविष्य में योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। महिला बाल विकास के बाबू और कम्प्यूटर ऑपरेटर की मांग पर नाबालिग अमन ने हिम्मत दिखाई और पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर को इसकी शिकायत की। लोकायुक्त ने शिकायत का सत्यापन कराया, बातचीत में आरोपियों ने 36 हजार रुपए देने के लिए शुक्रवार को बुलाया था। लोकायुक्त पुलिस ने अमन को रुपए देकर भेजा। शुक्रवार दोपहर 2 बजे अमन रुपए लेकर बाल कल्याण समिति के पड़ोस में महिला सशक्तिकरण कार्यालय पहुंचा और मनोज दिवाकर को रुपए सौंपकर लोकायुक्त टीम को इशारा किया। लोकायुक्त टीम ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथ धरदबोचा। कार्रवाई में लोकायुक्त डीएसपी आरडी मिश्रा, टीआई राहुल गजभिए, राजेश भदौरिया, आरक्षक कमलेाश् परिहार, आशीष नायडू, अनिल परमार, विजय, कृष्णा, चालक शेरसिंह मौजूद रहे। आरोपी मनोज दिवाकर एवं संजय जगताप के विरुद्ध धारा 7 भ्रनिअ एवं धारा 120B IPC का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। लोकायुक्त पुलिस आरोपियों के विरुद्ध और मामलों के साक्षी भी एकत्र कर रही है।