अब UBM से आँख में कांचियाबिंद, ट्यूमर,चोट का पता लगाना बहुत आसान हो जाएगा। पहले लोग इसके लिए देश के बड़े शहरों में जाकर भटकने को मजबूर हो जाते थे। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में गोलबाजार स्थित जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल में मध्य भारत की पहली मशीन बुधवार को लांच किया गया। इस मशीन के ज़रिए समूचे महाकोशल क्षेत्र ही नहीं पूरे मध्य भारत के लोग लाभान्वित होंगे।
पत्रकारों को जानकारी देते हुऐ जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल के संस्थापक संचालक डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि नॉन इनवेसिव बायोमेडिक्स ओफ्थल्मिक अल्ट्रासाउंड (UBM ) मशीन के माध्यम से आँख में अलग-अलग तरह के कांचियाबिंद, ट्यूमर,चोट का पता लगाने में काफी आसानी हो जाएगी और नेत्र रोगियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। UBM तकनीक के द्वारा कांचियाबिंद,आँख के अंदर चोट का असर,आँख के अंदर ट्यूमर, जन्मजात कांचियाबिंद आदि बीमारियों के बारे में संपूर्ण जानकारी कंप्यूटर के पोर्टल पर अंकित हो जाती है I यह एक नॉन इनवेसिव डायग्नोस्टिक तकनीक है जिसमे मरीज को सीधा लिटाया जाता है, आँख में इमर्शन पद्धति से एक विशिष्ट डिज़ाइन कप का उपयोग किया जाता है और कुछ ही मिनिटों में मरीज के आँख के अंदर की रचनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है।
कारगर साबित होगी तकनीक
डॉ. पवन स्थापक ने इस संबंध में आगे बताया कि राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी और सूचना केंद्र के अनुसार UBM एक उच्च तकनिकी समाधान वाली अल्ट्रासाउंड तकनीक है, इसके द्वारा आँख के अंदर की अत्यंत सूक्ष्मतम संरचना जिसको खुली आँख या अन्य किसी उपकरण से नहीं देखा जा सकता उसका 50 से 100 मेगा हर्ट्ज़ ट्रांसड्यूसर के माध्यम से हाई फ्रीक्वेंसी रियल टाइम गतिशील छवि प्राप्त की जाती है I मध्य भारत में इस मशीन की उपलब्धता से न सिर्फ आँख की जटिल बीमारियों के निदान में सहायता मिलेगी बल्कि उन बीमारियों के प्रबंधन में भी यह तकनीक कारगर सिद्ध होगी और इलाज के प्रभाव की निगरानी भी इसके द्वारा की जा सकेगी। जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, गोल बाजार में मरीजों के लिए इस अत्याधुनिक मशीन की लॉन्चिंग कार्याक्रम में डॉ. पवन स्थापक, श्रीमती अनुपमा स्थापक,डॉ. आयुष टंडन, डॉ. अर्पिता स्थापक, डॉ सोनिया टंडन , डॉ. अंकित राठौड़, डॉ. रितेश शुक्ला आदि उपस्थित थे I