रफीक खान
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से अपने कुनबे को आगे बढ़ाने और मजबूत करने में लगी हुई है, उसी क्रम में पश्चिम बंगाल राज्य से एक नया अध्याय गुरुवार को जुड़ गया है। पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट में पदस्थ रहे जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अंतरात्मा की आवाज के बाद हाई कोर्ट से बाय-बाय करते हुए भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। गुरुवार को बाकायदा उन्होंने एक समारोह के दौरान सदस्यता ले ली है। इस्तीफा देने के बाद हाई कोर्ट जज अब न सिर्फ राजनीति में सक्रिय हो जाएंगे बल्कि वह लोकसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाएंगे। हाईकोर्ट जज जैसे महत्वपूर्ण और गरिमामय पद पर रहते हुए अचानक से जागी उनकी अंतरात्मा को लेकर न सिर्फ सियासी हल्के बल्कि प्रबुद्ध जनों में भी खासी चर्चा हो रही है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और अन्य की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा में शामिल होने के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, "आज का सदस्यता ग्रहण समारोह अच्छा था। जिस तरह से उन्होंने मेरा स्वागत किया है वह अभिभूत करने वाला है। हर कोई जानता है कि भ्रष्टाचार से लड़ना है।" संदेशखाली यौन हिंसा की घटना पर पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, "यह बहुत बुरी घटना है। पश्चिम बंगाल के नेता वहां गए थे। उन्हें वहां पहुंचने से रोका गया है। इसके बावजूद वे पहुंचे और वहां की महिलाओं के साथ खड़े हुए हैं और बीजेपी सन्देशखाली में उत्पीड़ितों का मुद्दा उठा रही है।" पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि, ''बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैं नरेंद्र मोदी के परिवार में पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय का हमारी पार्टी में स्वागत करता हूं। मेरा मानना है कि, उन्होंने जिस तरह से वंचित, शोषित पीड़ितों के लिए जस्टिस के तौर पर काम किया है, वे भाजपा के नेतृत्व में वह उस काम को आगे बढ़ाएंगे। आने वाले भविष्य में बंगाल की राजनीति करवट लेगी। बंगाल के पढ़े-लिखे युवाओं के लिए यह सही समय है कि वे आगे आएं और राज्य की राजनीति को मोड़ने में अपना योगदान दें।"
मंगलवार को दे दिया था इस्तीफा
यहां गौरतलब है कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उनका कहना था कि, मेरा काम यही तक था, इस क्षेत्र में मेरा काम अब ख़त्म हो गया है। उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाला सहित कई मामलों में एक के बाद एक अहम फैसला दिया था। उन्होंने मीडिया में बयान देते हुए अपने राजनीति में आने के संकेत दिए थे। हाई कोर्ट जज से इस्तीफा देने के बाद टीएमसी द्वारा भी आरोप लगाए जाना शुरू कर दिए गए हैं।