रफीक खान
मध्य प्रदेश के रतलाम नगर पालिका निगम आयुक्त एपीएस गहरवार को सस्पेंड कर दिया गया है। नगर निगम आयुक्त पर यह कार्रवाई सिविक सेंटर के प्लाटों की रजिस्ट्री में गड़बड़ी को लेकर की गई है। दरअसल सिविक सेंटर के 22 प्लांट 1998 में आवंटित हुए थे। हाई कोर्ट के आदेश के नाम पर दिसंबर 2023 व जनवरी 2024 में इनकी रजिस्ट्रीयां करवाई गई और व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई। तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लक्ष्यकर द्वारा करवाई गई जांच के बाद तमाम तरह की गड़बड़ियों को रेखांकित किया गया। नगर निगम आयुक्त स्तर के अधिकारी पर की गई इस कार्रवाई से नगरीय निकायों में हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि हाईकोर्ट के आदेश के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई थी। इसमें एमआइसी व निगम परिषद से अनुमति भी नहीं ली गई। इस पर नगर निगम के साधारण सम्मेलन में भाजपा पार्षदों ने ही मामला उठाया और बाद में पक्ष व विपक्ष ने एकमत होकर सभी रजिस्ट्री शून्य करने व नामांतरण निरस्त करने का निर्णय किया था। भाजपा जिला महामंत्री निर्मल कटारिया द्वारा की गई शिकायत पर नगरीय प्रशासन विभाग ने भी जांच के आदेश दिए। तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी होने की पुष्टी की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि प्लाट की रजिस्ट्री अधिकारियों व केता के मध्य कूटरचित तरीके से संपादित की गई है। सयुक्त कलेक्टर अनिल भाना को निगम आयुक्त का प्रभार सौपा है। निलंबन अवधि में गहरवार का संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन उज्जैन रहेगा। रतलाम नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार अपनी कार्यशैली के चलते मार्च 2023 में ज्वाइनिंग के बाद से सुर्खियों में छाए हुए थे। खास बात यह है कि निलंबित आयुक्त गहरवार मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।