Rafique Khan
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक मोहन शर्मा ने सरेआम आत्मदाह की चेतावनी दे डाली है। विद्युत वितरण कंपनी के मनमानी पूर्ण रवैया से आहत भाजपा विधायक का कहना है कि वह ऐसी राजनीति करना बिल्कुल नहीं चाहते, जिसमें जनता की ही मदद ना कर पाए। उनकी जनता दुखी हो और वे विधायक बने रहे, ऐसी विधायक की का कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों से उलझने का भी कोई मतलब नहीं है। अगर किसी भी तरह की हुज्जत की जाती है तो जबरिया तौर पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर दिया जाएगा। सत्तारूढ़ पार्टी के भाजपा विधायक को आखिर आमरण अनशन और आत्मदाह जैसे कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? यह व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मामला राजगढ़ जिले का है जहां उद्योग नगरी पीलूखेड़ी में आयोजित एक भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान विद्युत वितरण कंपनी के रवैया को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक मोहन शर्मा ने आमरण अनशन कर आत्मदाह की चेतावनी दे डाली।
मोहन शर्मा बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को दिए जा रहे अनाप शनाप बिलों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि अधिकारियों से उलझने का कोई मतलब नहीं है, मेरे ऊपर 353 का प्रकरण दर्ज हो जाएगा। लेकिन मेरे पास एक अधिकार है आमरण अनशन करते हुए आत्मदाह करने का। उन्होंने आगे कहा मेरी उम्र हो चुकी है मैं मर भी जाऊं तो चिंता नहीं है। लेकिन मेरे रहते यदि मेरे क्षेत्र की जनता परेशान होती है तो मेरे विधायक बनने का क्या मतलब।
विधायक मोहन शर्मा ने कहा कि मैं खुद MPEB के अधिकारियों से भी मिला लेकिन सुधार नहीं हो रहा। किसी के घर में घुसकर मोटरसाइकिल उठा ली जाती है, तो किसी की चक्की और किसी के घर जाकर बर्तन। उन्होंने उदाहरण दिया कि सेमलखेड़ी के एक किसान की मौत 30 साल पहले हो गई। उनके नाम से कोई कनेक्शन भी नहीं है। लेकिन कंपनी ने 30000 का बिल देकर जमा करने के लिए कहा है।