रफीक खान
देश के बहुचर्चित मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने कहा है कि आरोपी प्रज्ञा ठाकुर 20 मार्च के पहले हर हाल में अदालत में उपस्थित हो। मुंबई में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बार-बार चेतावनी के बावजूद पेश नहीं होने पर सोमवार को ये आदेश जारी किया। प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने मेडिकल आधार पर पेशी से छूट की मांग की। स्पेशल जज ने आवेदन खारिज कर दिया और वारंट जारी किया कि उपस्थिति और 10,000 रुपये का भुगतान करने पर इसे रद्द कर दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि ठाकुर और छह अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज है। एनआईए अदालत वर्तमान में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है। विशेष अदालत ने इससे पहले आरोपियों को सुनवाई के लिए उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने सोमवार को ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया और जांच एजेंसी को 20 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।न्यायाधीश ने पिछले माह ठाकुर को चेतावनी दी थी कि यदि वह अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं हुईं तो उनके खिलाफ ‘‘उचित कार्रवाई’’ की जाएगी।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। शुरुआत में इस मामले की जांच महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता कर रहा था, लेकिन 2011 में मामला एनआईए को सौंप दिया गया। अब मामला ट्रायल कोर्ट में विचारअधीन है। जिसके तहत तमाम तरह की न्यायिक प्रक्रियाएं चल रही हैं। इसी ट्रायल के दौरान भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर को तलब किया जा रहा था।