Rafique Khan
पाकिस्तान आम चुनाव में जेल में रहकर भी इमरान खान बड़ा खेल कर गए। उन्हें चुनाव में बहुमत तो हासिल नहीं हुआ लेकिन उनकी पार्टी व समर्थक सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में सामने है। उधर जोड़-तोड़ की राजनीति भी पूरे सबाब पर है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो लगातार सत्ता पर सवार होने के लिए जोर लगा रहे हैं। इनके साथ शाहबाज भी समीकरणों के संतुलन में लगे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि वोटिंग खत्म होने के 67 घंटों बाद सभी सीटों पर वोटों की गिनती पूरी हो गई, हालांकि, अब तक चुनाव आयोग ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। नतीजों में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। इमरान खान के समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार 93 सीटों के साथ सबसे आगे हैं। नवाज की पार्टी 75 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है।पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं। इनमें से 265 सीटों पर चुनाव हुए। एक सीट पर चुनाव टाल दिए गए हैं, जबकि एक सीट NA-88 के नतीजों को खारिज कर दिया गया है। यहां 15 फरवरी को फिर से वोटिंग होगी। बाकी 70 सीटें रिजर्व हैं। सरकार बनाने के लिए 134 सीटों पर बहुमत जरूरी है। पाकिस्तान में मुख्य रूप से 3 पार्टियों के बीच मुकाबला है। इनमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) शामिल हैं।
5 दिन पहले 3 अलग-अलग मामलों में 31 साल की सजा
इमरान की गिरफ्तारी के 9 महीने बाद पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए। इस वक्त पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में थे। उन्हें चुनाव से 5 दिन पहले 3 अलग-अलग मामलों में 31 साल की सजा सुना दी गई थी। खान से पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उनका इलेक्शन सिंबल बैट भी छीन लिया था।उनकी पार्टी के प्रचार करने पर भी बैन लगा था। सेना ने खान को लोगों की याद से मिटाने के लिए सब पैंतरे आजमाए। इसके बावजूद जब 8 फरवरी को चुनाव हुए, तो इमरान के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा 93 सीट मिली।