Rafique Khan
किसी भी जगह पद के महत्व और पद की गरिमा से बढ़कर व्यक्ति विशेष को स्थान नहीं मिल पाता है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लंबे समय तक "नंबर वन" बने रहे और विधानसभा सदन में भी उनका पहली लाइन पर पहला ही नंबर रहा। विधानसभा चुनाव के बाद हालात ऐसे बदले कि शिवराज सिंह चौहान एक नंबर से सीधे "44वें नंबर" पर पहुंच गए। बैठक व्यवस्था में जो परिवर्तन किया गया, उसमें भी उन्हें चौथी लाइन हासिल हुई है। यानी कि विधानसभा सदन में शिवराज अब पहली, दूसरी, तीसरी नहीं बल्कि चौथी लाइन में बैठेंगे।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में निर्वाचित होकर आए सभी विधायकों की सदन में बैठक व्यवस्था तय कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर सभी 229 विधायकों को सीट नंबर दे दिए गए हैं। सीएम मोहन यादव के पहले नंबर की सीट अलॉट की गई है, चूंकि वह सदन के नेता हैं इसलिए उन्हें सीट नंबर 1 मिली है। उनके बगल में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा बैठेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का सीट नंबर नहीं बदला है। वे पहले की तरह नेता प्रतिपक्ष के पास बैठेंगे।विधानसभा सचिवालय ने शिवराज सरकार में पावरफुल रहे नेताओं को शिवराज के साथ ही बैठाने का इंतजाम किया गया है। शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री रहे गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, प्रभुराम चौधरी, मीना सिंह आस-पास ही बैठेंगे। वैसे शिवराज सिंह चौहान का अब विधानसभा में बैठने का मन भी ज्यादा नहीं लग रहा है। जाहिर सी बात है कि लंबे वक्त तक वह विधानसभा में हीरो की तरह रहे और अब एक तरह से उनकी भूमिका दर्शक जैसी हो गई है।