Rafique Khan
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग सक्रिय है। यहां 7 से 12 साल की नाबालिक बच्चियों को टारगेट कर उठाया जा रहा है। उन्हें दवाइयों के जरिए जवान बनाया जा रहा है और मुंबई की रेड लाइट एरिया समेत पूरी दुनिया में बेचा जा रहा है। पुलिस ने इनमें से कई पीड़ित बच्चियों को दस्तयाब कर आजाद कर दिया है। आरोपित गैंग के 13 सक्रिय सदस्यों को दबोचा भी जा चुका है। पुलिस को आरोपियों से जो इनपुट मिला है, उस पर लगातार विवेचना की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि बीते दिनों सीहोर जिले में पकड़ाए ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग से पूछताछ में हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं। पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग अभी तक अलग अलग इलाकों से कई बच्चियों को किडनैप कर तस्करी कर चुका है। गैंग का टारगेट 7-12 साल की बच्चियां होती थीं जिन्हें किडनैप करने के बाद गैंग के सदस्य मुंबई के रेड लाइट एरिया व देश के अलग अलग रेड लाइन एरिया में बेच दिया करते थे। पुलिस ने इस गैंग के अब तक 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनमें कुछ महिलाएं भी हैं।
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग सक्रिय है। यहां 7 से 12 साल की नाबालिक बच्चियों को टारगेट कर उठाया जा रहा है। उन्हें दवाइयों के जरिए जवान बनाया जा रहा है और मुंबई की रेड लाइट एरिया समेत पूरी दुनिया में बेचा जा रहा है। पुलिस ने इनमें से कई पीड़ित बच्चियों को दस्तयाब कर आजाद कर दिया है। आरोपित गैंग के 13 सक्रिय सदस्यों को दबोचा भी जा चुका है। पुलिस को आरोपियों से जो इनपुट मिला है, उस पर लगातार विवेचना की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि बीते दिनों सीहोर जिले में पकड़ाए ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग से पूछताछ में हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं। पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग अभी तक अलग अलग इलाकों से कई बच्चियों को किडनैप कर तस्करी कर चुका है। गैंग का टारगेट 7-12 साल की बच्चियां होती थीं जिन्हें किडनैप करने के बाद गैंग के सदस्य मुंबई के रेड लाइट एरिया व देश के अलग अलग रेड लाइन एरिया में बेच दिया करते थे। पुलिस ने इस गैंग के अब तक 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनमें कुछ महिलाएं भी हैं।
पहले लड़कियों की फोटो खींचते, फिर दलालों को भेजते थे
दऱअसल गैंग के कुछ सदस्यों ने इछावर इलाके के डुंडलावा गांव से एक सात साल की बच्ची को किडनैप किया था। पुलिस को इसकी जानकारी 12 फरवरी को लगी थी और पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर ही गैंग के 9 सदस्यों को पकड़ते हुए उनके चंगुल से बच्ची को छुड़ाया था। इनमें 2 महिलाएं भी शामिल थीं, बाद में गैंग के 4 और सदस्यों को पकड़ा गया था जिनसे पूछताछ में चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। गैंग से हुई पूछताछ में पता चला है कि गैंग के सदस्य पहले लड़कियों की फोटो खींचते थे और फिर दलालों को भेजते थे। दलालों की मंजूरी के बाद पैसों की बातचीत होती थी और फिर लड़की की किडनैपिंग की जाती थी। ये भी पता चला है कि आरोपी एक लड़की के लिए 2 से 5 लाख रुपए की डिमांड करते थे। गैंग के सदस्य लड़कियों को जल्दी जवान करने उन्हें नशीली दवाएं भी दिया करते थे।ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग के तार मुंबई से भी जुड़े होने के सुराग मिले हैं। दरअसल गैंग की एक सदस्य किरण जिसे की शिवपुरी से पकड़ा गया है वो पहले मुंबई में रहती थी। किरण की बहन वंदना और उसके पति अनुज की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि वंदना की दो बहनें हैं जो अभी भी मुंबई में रहती हैं और किसी बार में काम करती हैं। अंदेशा है कि उन्हीं दो बहनों के जरिए किरण व वंदना किडनैप लड़कियों को रेड लाइट एरिया में सेल करती थीं।