Rafique Khan
मध्य प्रदेश के इतिहास में इंदौर की एक कोर्ट से ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। फैसले में अत्याचार के आरोपों से घिरी एक पत्नी को अपने पति के भरण पोषण के लिए प्रतिमाह ₹5000 की राशि देना होगी। कोर्ट ने पारित आदेश में कहा है कि पीड़ित पति के पूरे तर्कों को सुनने के बाद यह निर्देश दिए गए हैं। यदि पत्नी ने भरण पोषण देने संबंधी आदेश का पालन नहीं किया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि फैमिली कोर्ट ने पहली बार पीड़ित पति के हित में फैसला सुनाते हुए पत्नी को पति का खर्चा उठाने के आदेश दिया है। जिसके तहत अब हर माह अत्याचारी पत्नी को पति को 5 हजार रुपये रखरखाव के तौर पर देने होंगे। अगर पत्नी आदेश मानाने से इंकार करती है तो उसके उपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह पूरा मामला लव मैरिज से जुड़ा हुआ है1 दरअसल, जुलाई 2022 में युवती जिसका नाम नंदिनी है उसने युवक अमन को प्रपोज किया और कहा मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं। उस वक्त युवक फर्स्ट ईयर का छात्र था। इस दौरान लड़के ने शादी करने से इंकार लिया लेकिन लड़की ने दबाव बनाकर युवक से आर्य समाज के मंदिर में जाकर शादी कर ली। इसके बाद से नंदनी अमन को मानसिक प्रताड़ना करती थी। जिसकी वजह से अमन काफी परेशान रहता था। इस दौरान जब पत्नी ने सारी हदे पार कर दी तो युवक मौका देखकर घर से भाग गया और पत्नी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद लंबे समय तक केस कोर्ट में चला। जिसके बाद कोर्ट ने बुधवार को पीड़ित पति के हिट में फैसला सुनाया। अमन ने कहा, 'मैं महज 12वीं पास हूं। मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया था लेकिन नंदिनी की वजह से मेरी पढ़ाई छूट गई। मैं बेरोजगार हूं जबकि नंदिनी ब्यूटी पार्लर चलाती है। ऐसे में मुझे उससे भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए।