Rafique Khan
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला अंतर्गत गाडरवारा निवासी एक किसान को जिला बदर किए जाने की घटना पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद कहा कि कलेक्टर व एसपी द्वारा इस प्रकरण में जिस तरह का रवैया अपनाया है उससे लगता है कि दोनों अधिकारियों ने विवेक का जरा भी इस्तेमाल नहीं किया। कलेक्टर व एसपी को फटकार लगाते हुए पेश की गई पूरी रिपोर्ट को गलत करार दिया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया की एकलपीठ के पूर्व निर्देश पर नरसिंहपुर कलेक्टर शीतला पटले व एसपी अमित सिंह हाजिर हुए। हाई कोर्ट ने नरसिंहपुर-गाडरवारा के किसान नेता बृजमोहन कौरव उर्फ बिरजू को जिला बदर किए जाने की कार्रवाई से पूर्व कलेक्टर-एसपी द्वारा विवेक का इस्तेमाल न करने पर फटकार लगाई। इस पर कलेक्टर व एसपी ने जानकारी दी कि जिला बदर के लिए गलत रिपोर्ट पेश करने के बाद एसआई राजेश तिवारी व हवलदार राजेंद्र को निलंबित किया जा चुका है।उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान गाडरवारा के किसान नेता बृजमोहन उर्फ बिरजू कौरव को एसपी के प्रतिवेदन पर तत्कालीन कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ऋजु बाफना ने जिलाबदर कर दिया था।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला अंतर्गत गाडरवारा निवासी एक किसान को जिला बदर किए जाने की घटना पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद कहा कि कलेक्टर व एसपी द्वारा इस प्रकरण में जिस तरह का रवैया अपनाया है उससे लगता है कि दोनों अधिकारियों ने विवेक का जरा भी इस्तेमाल नहीं किया। कलेक्टर व एसपी को फटकार लगाते हुए पेश की गई पूरी रिपोर्ट को गलत करार दिया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया की एकलपीठ के पूर्व निर्देश पर नरसिंहपुर कलेक्टर शीतला पटले व एसपी अमित सिंह हाजिर हुए। हाई कोर्ट ने नरसिंहपुर-गाडरवारा के किसान नेता बृजमोहन कौरव उर्फ बिरजू को जिला बदर किए जाने की कार्रवाई से पूर्व कलेक्टर-एसपी द्वारा विवेक का इस्तेमाल न करने पर फटकार लगाई। इस पर कलेक्टर व एसपी ने जानकारी दी कि जिला बदर के लिए गलत रिपोर्ट पेश करने के बाद एसआई राजेश तिवारी व हवलदार राजेंद्र को निलंबित किया जा चुका है।उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान गाडरवारा के किसान नेता बृजमोहन उर्फ बिरजू कौरव को एसपी के प्रतिवेदन पर तत्कालीन कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ऋजु बाफना ने जिलाबदर कर दिया था।
महज दो मामलों में जिलाबदर करने का रवैया आश्चर्यजनक
इस आदेश के विरुद्ध किसान नेता ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। किसान नेता ने बताया कि उन्होंने जिला बदर आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। 21 फरवरी की सुनवाई में हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा प्रकरण में दाखिल की गई रिपोर्ट को असंतोषजनक माना। महज दो मामलों में जिलाबदर करने का रवैया आश्चर्यजनक है। याचिकाकर्ता बृजमोहन कौरव के अनुसार चुनाव के पूर्व उन्होंने ककराघाट से पैदल मार्च किया था। रायसेन जिले के बरेली में पहुंचने पर उन्हें व उनके काफिले को सरकारी अमले द्वारा रोक दिया गया। इसके बाद उन्हें नरसिंहपुर जिले में प्रवेश करने ही नहीं दिया और सीधे जिलाबदर की कार्रवाई प्रस्तावित कर इस संबंध में आदेश जारी करवा दिया गया। कौरव के अनुसार जब जिलाबदर का आदेश जारी किया गया था तब की स्थिति में उनके ऊपर चीचली में भाषण के दौरान अभद्र टिप्पणी का मामला व सिंहपुर गांव में आंदोलन के दौरान तहसीलदार निर्मल पटले से संबंधित मामला लंबित था।
अन्य मामलों में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे
इसके पूर्व वर्ष 2005 में दर्ज दो अन्य मामलों में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे।कौरव के अनुसार वर्ष 2018 में तत्कालीन कलेक्टर ने उनका जिलाबदर किया था जिसे संभागायुक्त ने निरस्त कर प्रकरण के निबटारे के निर्देश कलेक्टर न्यायालय को दिए थे। उन्होंने पांच पेशियां भी की, इसके बाद बुलावा बंद हो गया। वर्ष 2023 में अचानक राजनीतिक द्वेष व दबाव के चलते तत्कालीन कलेक्टर ने एसपी के प्रतिवेदन पर जिलाबदर कर दिया। इसके बाद से वे ओंकारेश्वर में रह रहे हैं।