मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्र की राजनीति में लंबे समय तक पैर जमाए रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ आखिर खामोश क्यों है? भारतीय जनता पार्टी में जाने को लेकर लगातार मीडिया और सोशल मीडिया पर सुर्खी बने रहे कमलनाथ ने अपनी जुबान से कोई भी खुलासा अब तक नहीं किया है। अलबत्ता प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के जरिए उन्होंने मीडिया को संदेश पहुंचा दिया था कि वह सारी बातों को स्पष्ट कर देंगे। उनका कहीं जाने का कोई इरादा नहीं है, ना ही इस तरह का कोई फैसला लिया है। इस सब के बाद भी कमलनाथ ने अब तक मीडिया का सामना नहीं किया है। उनके द्वारा कोई भी पत्रकार वार्ता का आयोजन कर इस बात को विस्तार से साफ नहीं किया गया है। इस बीच मंगलवार को राहुल गांधी की न्याय यात्रा संबंधी बैठक में वर्चुअल जुड़ने की बात भी सामने आई थी लेकिन पता चला कि अचानक कमलनाथ और उनके सुपुत्र नकुलनाथ अपने आध्यात्मिक गुरु से मिलने बेंगलुरु रवाना हो गए हैं।
सस्पेंस की इस कथा का समापन कब? कहां? और किस रूप में होगा? यह तमाम सवाल लोगों के मन में बने हुए हैं। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को विराम जरूर मिल गया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कभी भी कोई 'बड़ा खेल' भी हो सकता है। इधर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सिलसिले में भोपाल में अहम बैठक हो रही है, लेकिन कमलनाथ इस बैठक में नहीं आ रहे हैं। दिल्ली सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ अचानक बेंगलुरू जा रहे हैं। वे अपने आध्यात्मिक गुरु से मुलाकात करेंगे। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ बेंगलुरू जा रहे हैं। जहां वे अपने आध्यामिक गुरु से मुलाकात करेंगे। वे 25 फरवरी को वापस आएंगे। कमलनाथ के कर्नाटक दौरे पर होने के कारण वे राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तैयारियों से जुड़ी बैठकों में शामिल नहीं होंगे।
अंदर ही अंदर 'कुछ' जरूर चल रहा
कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में अपने सहयोगियों के साथ करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग की, इसके बाद अपने करीबी नेता सज्जन सिंह वर्मा के जरिए यह संदेश मीडिया को भिजवा दिया कि फिलहाल पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। उनके बेटे नकुलनाथ ही छिंदवाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, राजनीतिक गलियारों में कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों पर अल्प विराम जरूर लगा है, लेकिन संभावना व्यक्त की जा रही है कि अंदर ही अंदर 'कुछ' जरूर चल रहा है। इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार शाम को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी कुछ मुद्दों पर बात की है, वहीं बुधवार को मोहन यादव छिंदवाड़ा में बड़ा रोड शो करने वाले हैं। इसे लेकर भी कयासों का दौर लगने लगा है। जानकार मान रहे हैं कि दिल्ली से कोई राजनीतिक बदलाव का संकेत मिला है।