Rafique Khan
जीएसटी के एक मामले में फर्म को एक करोड रुपए के जुर्माना से छुटकारा दिलाने और मामले को रफा दफा कर दफन करने का आश्वासन देते हुए एक बड़ी रकम की रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ है। हरियाणा के इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो एसीबी ने एक जीएसटी अफसर तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट CA को गिरफ्तार किया है। जीएसटी विभाग के सुपरीटेंडेंट को ₹3.50 लाख रुपए तथा CA से 7 लाख रुपए की रिश्वत रंगे हाथ बरामद की गई है। दोनों ही आरोपित घूसखोरों से एसीबी की टीम सघन पूछताछ कर रही है तथा कोशिश की जा रही है कि कुछ और मामलों का भी खुलासा हो सके।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि हरियाणा में रिश्वत लेते GST सुपरिटेंडेंट और CA गिरफ्तार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने GST जुर्माना दबाने के लिए शिकायतकर्ता से कुल 12 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। दोनों के खिलाफ करनाल एसीबी ऑफिस में केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ FIR में 7, 7A PC एक्ट और 120B, 384 IPC की संगीन धारा लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि दोनों के पास से कुल 10.50 लाख रुपए की रिकवरी हुई है। दोनों ने जीएसटी जुर्माने को दबाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। सीए पंकज खुराना के पास से एसीबी की टीम ने 7 लाख रुपए और केंद्रीय जीएसटी पानीपत ऑफिस में जीएसटी सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात प्रेमराज मीना की कार से 3.5 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। एसीबी को इनपुट मिला है कि यह दोनों आरोपी लगातार इस तरह के काम कर रहे थे और अब तक अनेक मामलों में बड़ी रिश्वत ले चुके हैं। दोनों से पूछताछ और घर व कार्यालयों की तलाशी के बाद स्पष्ट हो पाएगा।