Rafique Khan
मुंबई पुलिस में लंबे समय तक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर रहे प्रदीप शर्मा के अंधेरी इलाके में स्थित आवास पर गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी। बड़ी संख्या में पहुंचे आयकर अधिकारियों ने लगातार जांच पड़ताल जारी रखी है। ऐसा कहा जा रहा है कि आयकर विभाग को प्रदीप शर्मा द्वारा कर चोरी किए जाने के इनपुट मिले थे, उसके आधार पर ही यह कार्रवाई हुई है। गौरतलब है कि भले ही एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में प्रदीप शर्मा को खूब प्रसिद्धि मिली, लेकिन उससे कहीं ज्यादा विवादों का साथ भी उनसे जुड़ रहा। उन्हें नौकरी गवाना पड़ी और जेल तक जाना पड़ा। इस सब के बावजूद 113 एनकाउंटर का रिकॉर्ड उनके नाम पर है।
जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि प्रदीप शर्मा एक समय मुंबई के चर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस इंस्पेक्टर रहे हैं। मुंबई के 113 गैंगस्टरों को एनकाउंटर में मारने का श्रेय उन्हें दिया जाता है। अंटीलिया व मनसुख हिरेन मामलों में गिरफ्तार अन्य चार में से तीन पुलिसकर्मी सचिन वाझे, सुनील माने व विनायक शिंदे उनके सहयोगी रह चुके हैं। इनमें से विनायक शिंदे तो लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में भी प्रदीप शर्मा के साथ रहा है। विनायक शिंदे को आजीवन कारावास की सजा हो गई थी। जबकि प्रदीप शर्मा इस मामले में बरी हो गए थे। लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में फंसने के बाद उन्हें मुंबई पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन बरी होने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (मैट) में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी। वहां से उनकी बर्खास्तगी खत्म करने का निर्देश दिया गया। 2017 में पुनः महाराष्ट्र पुलिस की सेवा में आने के बाद वह दो साल ठाणे के एंटी एक्सटार्सन सेल में रहे। उस समय वहां के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह थे। उसी दौरान उन्होंने दाऊद के भाई इकबार कास्कर को हफ्तावसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था। जुलाई 2019 में उन्होंने पुलिस फोर्स से इस्तीफा देकर शिवसेना की सदस्यता ली और नालासोपारा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा। जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।