Rafique Khan
मुस्लिम देश यूएई के अबू धाबी शहर में जिस सनातनी संस्कृति के पहले मंदिर की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंदिर का बुधवार को लोकार्पण तथा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है। इस मंदिर का गहरा नाता मध्यप्रदेश और महाकौशल के शहर जबलपुर से है। दरअसल इस मंदिर के संस्थापक स्वामी केशव जीवन जबलपुर के क्राइस्ट चर्च स्कूल में मैट्रिक तक पढ़े हैं और वह राज्यसभा सांसद तथा कांग्रेस के दिग्गज नेता व सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक कृष्ण तंखा के सहपाठी रहे हैं। स्वामी केशव जीवन महाराज का घर नेपियर टाउन में ही स्थित था। राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा ने खुद एक ट्वीट के जरिए इस जानकारी को सार्वजनिक किया है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कांग्रेस नेता एवं जाने माने वकील विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा है कि मेरे जीवन की प्रथम पाठशाला "क्राईस्ट चर्च स्कूल" जबलपुर के गौरवशाली इतिहास में एक और गौरवशाली क्षण ॥ अबू धाबी के प्रसिद्ध मंदिर के संस्थापक स्वामी केशवजीवन जी इस स्कूल के छात्र रहे हैं। धन्य है, नर्मदांचल की माटी और मेरा स्कूल संस्कारधानी की गौरवशाली विरासत। कहा जाता है कि 1933 में जबलपुर में महंत केशवजीवन दास का जन्म हुआ था। इनका नाम वीनू पटेल था। इनके पिता मणिभाई नारायण भाई पटेल और माता दहिबेन नेपियर टाउन में ही रहते थे। स्वामी केशवजीवन ने मैट्रिक तक की शिक्षा जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज हायर सेकंडरी स्कूल से पूरी की थी। केशवजीवन की यादों को संजोने के लिए बीएपीएस स्वामी नारायण संस्थान ने मंदिर का निर्माण भी जबलपुर के नेपियर टाउन क्षेत्र में साल 2019 में कराया है। महाराजजी के जन्म स्थल को विशेष कक्ष के रूप में संवारा गया है। यहीं पर बैठकर अबू धाबी के मंदिर का सीधा प्रसारण भी सभी ने मिलकर देखा था।