Rafique Khan
घूसखोरी की गुरुवार को दो घटनाएं सामने आई। एक में लोकायुक्त पुलिस जबलपुर और दूसरे में लोकायुक्त पुलिस रीवा की टीम ने कार्रवाई की है। घूसखोरी के मामले में महिला आदिवासी सरपंच ने एक तरह से महिला सीईओ को पीछे छोड़ दिया है। उमरिया जिले की करकेली जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की हैसियत से पदस्थ प्रेरणा परमहंस को बड़वाह सरपंच से ₹10000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। जबकि मंडला में जबलपुर की टीम ने एक पांच से कॉलेज की बाउंड्री वॉल और चबूतरा निर्माण के बिल पास करने के उपज में 18000 रुपए रंग लेते रंगे हाथों दबोचा है। दोनों ही मामलों में लोकायुक्त पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी गई है।जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि लोकायुक्त पुलिस के एसपी संजय साहू को आवेदक शिशु सिंधु भलावी द्वारा बताया गया था कि ग्राम पंचायत खेती में कॉलेज के चबूतरा और बाउंड्री बाल विधायक निधि से बनाया है। जिसका पैसा ग्राम पंचायत खैरी में आया हुआ है। बिल पास करने के लिए घूस लेते पकड़ी गई सरपंच सीमा गोटिया ₹30000 की मांग कर रही है। सौदा 18000 रुपए में तय हुआ और जैसे ही सरपंच सीमा गोटिया को यह राशि शिशु सिंधू भलावी द्वारा प्रदान की गई, डीएसपी सुरेखा परमार की टीम ने उसे दबोच लिया। कार्रवाई में डीएसपी सुरेखा परमार इंस्पेक्टर स्वप्निल दास इंस्पेक्टर मंजू तिर्की के साथ ही पुलिसकर्मी शामिल रहे।सरकारी बंगले में दबोचे गए पति-पत्नी
जानकारी के मुताबिक, उमरिया के जनपद पंचायत करकेली में मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेरणा परमहंस ने बहरवाह सरपंच से दस हजार रूपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत सरपंच प्रमोद यादव ने लोकायुक्त से की थी। रीवा लोकायुक्त की टीम ने 15 सदस्यीय टीम के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सीईओ के सरकारी बंगले पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सरपंच से पैसा प्रेरणा सिंह के पति कौशलेंन्द्र सिंह द्वारा लिया गया। दोनों आरोपियों को रीवा लोकायुक्त ने गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच में जुट गई है।