Rafique Khan
भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चली आ रही व्यवस्था पर राष्ट्रीय अधिवेशन में विचार हुआ। प्रस्ताव पास किया गया तथा यह तय हो गया कि भाजपा में अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव का होना जरूरी नहीं है। जैसे ही पद खाली होता है, पद खाली होने की स्थिति में पार्लियामेंट्री बोर्ड को इस पर नियुक्ति का अधिकार होगा। इसी तरह वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी बढ़ गया है। राष्ट्रीय अधिवेशन में और भी अनेक प्रस्तावों को प्रस्तुत किया गया तथा उनको आम सहमति से पारित किया गया।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि
इस प्रस्ताव के पास होने के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी गई है। जेपी नड्डा जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। भाजपा के इतिहास में आज तक चुनाव की नौबत नहीं आई है। इसी को बीजेपी आंतरिक लोकतंत्र का नाम देती है। यानी किसी एक नाम पर आम सहमति बन जाती है। इसे बहुमत का फैसला भी कहा जाता है। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भाजपा के दो दिवसीय अधिवेशन में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही।
पार्टी के संविधान की धारा 19
क्या कहती है
भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश हैं। पार्टी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है। धारा-19 के मुताबिक, पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य होंगे। पार्टी के संविधान में कहा गया है कि यह चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक किया जाएगा। इसमें पार्टी के संसद सदस्यों में से 10 प्रतिशत सदस्य चुने जाते हैं, जिनकी संख्या दस से कम न हो। यदि संसद सदस्यों की कुल संख्या दस से कम हो तो सभी चुने जाएंगे। परिषद में पार्टी के सभी भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष, लोकसभा, राज्यसभा में पार्टी के नेता, सभी प्रदेशों की विधानसभाओं और विधान परिषदों में पार्टी नेता सदस्य होंगे।बताया जाता है कि कोई एक चेहरा कितने टर्म तक अध्यक्ष रह सकता है? भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पार्टी के संविधान की धारा 21 के मुताबिक, कोई भी सदस्य 3-3 वर्ष के लगातार 2 कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है। प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए भी 3 साल की अवधि तय की गई है। पार्टी के संविधान के मुताबिक, बीजेपी का सदस्य बनने के लिए मुख्य शर्त यह भी है कि व्यक्ति 18 साल या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए। साथ ही उसका किसी अन्य दल से जुड़ाव नहीं हो।